कोरोना से ठीक होने वाले ब्लैक फंगस से रहें सावधान

पूर्णिया। कोरोना से ठीक हुए लोगों को ब्लैक फंगस से सावधान रहने की जरूरत है। इस फंगस का

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 06:57 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 06:57 PM (IST)
कोरोना से ठीक होने वाले ब्लैक फंगस से रहें सावधान
कोरोना से ठीक होने वाले ब्लैक फंगस से रहें सावधान

पूर्णिया। कोरोना से ठीक हुए लोगों को ब्लैक फंगस से सावधान रहने की जरूरत है। इस फंगस को म्यूकरमायकोसिस के नाम से भी जाना जाता है। यह आंख पर अपना हमला करता है। समय पर सतर्क नहीं हुए तो जान बचाने के लिए आंखें निकाली पड़ सकती है। म्यूकरमाइकोसिस नामक इस बीमारी में मरीज को वक्त पर सही इलाज न मिलने से उसकी जान भी जा सकती है। डॉ. अजीत सिंह ने इस बीमारी और सावधानी के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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क्या है ब्लैक फंगस -:

ब्लैक फंगस कोई नई या छुआछूत वाली बीमारी नहीं है। यह नाक, कान, गला और शरीर के अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचती है। ये म्यूकर फफूंद के कारण होता है, जो आमतौर पर मिट्टी, पौधों, खाद, सड़े हुए फल और सब्जियों में पनपता है। मिट्टी में और हवा में यहां तक कि स्वस्थ इंसान की नाक और बलगम में भी यह फंगस पाया जाता है। यह साइनस, दिमाग और फेफड़ों को प्रभावित करती है। स्टेरॉइड्स के इस्तेमाल से कोरोना में फेफड़ों में सूजन को कम किया जाता है। जब शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अतिसक्रिय हो जाती है। तो उस दौरान शरीर को कोई नुकसान होने से रोकने में मदद करते हैं।

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चिकित्सक से जल्द लें सलाह -:

नाक बंद हो जाना, नाक से रक्त या काला तरल पदार्थ निकलना, आंखों में सूजन और दर्द, पलकों का गिरना, धुंधला दिखना और आखिर में अंधापन होना मरीज के नाक के आसपास काले धब्बे भी हो सकते हैं। डॉ. अजीत सिंह ने बताया कि अधिकतर मरीज उनके पास देर से आते हैं। तब तक ये संक्रमण घातक हो चुका होता है। उनकी आंखों की रोशनी जा चुकी होती है। ऐसे में डॉक्टर्स को संक्रमण को दिमाग तक पहुंचने से रोकने के लिए उनकी आंख निकालनी पड़ती है। कुछ मामलों में मरीजो की दोनों आंखों की रोशनी चली जाती है। इसके इलाज के लिए एंटी-फंगल इंजेक्शन की जरूरत होती है।

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म्यूकरमायकोसिस से वैसे लोग संक्रमित हो सकते है, जिनका

1 जिनका डायबीटीज अनियंत्रित रहता है।

2 स्टेरॉइड लेने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई हो।

3 जो अधिक वक्त तक आइसीयू में रहा हो।

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म्यूकरमायकोसिस के लक्षण-

व्यक्ति को आंखों और नाक में दर्द होने, उसके आसपास की जगह लाल होने, बुखार, सिरदर्द, खांसी और सांस लेने में दिक्कत आ सकती है।

- नाक की अंदरुनी दीवारों पर सूखापन आना

- नाक के अंदर काली और भूरे रंग की पपड़ियां जमना

- नाक बंद होना शुरू हो जाना

- ऊपर वाले होठों और गालों का सुन्न होना शुरू हो जाना

- आंखों में सूजन आना

- आंखों का लाल होना

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