लावारिश शव को अस्पताल परिसर में जानवरों ने नोंचा
पूर्णिया। अस्पताल परिसर में एक बार फिर मानवता के लिए शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। एक
पूर्णिया। अस्पताल परिसर में एक बार फिर मानवता के लिए शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। एक महिला का लावारिश शव 24 घंटे से अधिक समय तक पड़ा रहा लेकिन अस्पताल प्रशासन ने इस पर संज्ञान नहीं लिया। लोगों का कहना है कि शव को जानवरों ने भी नोंचा था। घटना के बारे में गुरुवार को अस्पताल प्रशासन ने संज्ञान लिया और पुलिस को सूचना दी। मौके पर खजांची हाट की पुलिस ने पहुंच कर शव को अपने हिरासत में लेकर पोस्टमार्टम कराने और जांच के बजाय अंतिम संस्कार के निर्देश दे दिए। पुलिस ने सामान्य मौत बताते हुए पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है। अस्पताल अधीक्षक डॉ.इंद्र नारायण का कहना है कि गंभीर हालत में पहुंचाया गया था। स्टाफ ने बताया कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। उसको भर्ती भी नहीं किया जा सका था। घटना के बाद सुबह पुलिस को सूचना दी गई थी। अस्पताल अधीक्षक का कहना है कि पुलिस शव का ब्यौरा लेने के बाद अंतिम संस्कार का निर्देश दिया। जानवरों द्वारा नोंचने की बात से अस्पताल प्रशासन ने साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा महिला के घाव के कारण लोग ऐसा कह रहे हैं। अस्पताल परिसर निर्माण कार्य के कारण पूरा परिसर खुला हुआ है।
गंभीरता का अभाव
पुलिस और अस्पताल प्रशासन दोनों ओर से लापरवाही नजर आती है। दरअसल मामले में कार्रवाई तब होती है जब यह चर्चा का विषय बनता है। उससे पहले 24 घंटे तक शव पड़ा रहा लेकिन किसने संज्ञान नहीं लिया। भर्ती नहीं होने और लावारिश होने की बात अस्पताल प्रशासन कह रहा है लेकिन इसकी सूचना पुलिस को देने में देरी क्यों हुई इस बार कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। पुलिस ने भी मामले में सूचना कब मिली और कितनी देर पर पुलिस पहुंची इस पर कुछ भी कहने से बच रही है। लावारिश मरीजों को आखिरी समय कई बार अस्पताल में लाकर छोड़ दिया जाता है। यहां तक शव को भी लाकर रख दिया जाता है। परिसर खुला होने के कारण रोकना संभव नहीं है। मामले सिविल सर्जन डॉ.मधुसूदन प्रसाद ने भी कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। कहा अस्पताल अधीक्षक ही बता सकते हैं उन्हें इस संबंध में जानकारी नहीं है।
कोट के लिए -
शव को जानवरों द्वारा नोंचने की बात गलत है। गंभीर हालत किसी ने उसको अस्पताल में देर रात छोड़ा, इसके बाद उसकी मौत हो गई। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। घाव के कारण शव नोंचने की बात की जा रही है जो गलत है।
डॉ.इंद्र नारायण, अस्पताल अधीक्षक