आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की उपयोगिता को कोरोनाकाल में दुनिया ने माना

कोरोना काल में भारत द्वारा किए गए प्रयास को पूरे विश्व में सराहना की गई है। इसमें दुनिया के कई देशों ने आयुष काढ़ा ओर आयुर्वेदिक दवाओं को अपनाया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Jan 2021 11:15 PM (IST) Updated:Sun, 03 Jan 2021 11:15 PM (IST)
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की उपयोगिता को कोरोनाकाल में दुनिया ने माना
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की उपयोगिता को कोरोनाकाल में दुनिया ने माना

पूर्णिया। वर्तमान समय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की उपयोगिता विषय पर आयोजित वेबिनार में आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. अशोक वाष्र्णेय ने कहा कि कोरोना काल में भारत द्वारा किए गए प्रयास को पूरे विश्व में सराहना की गई है। इसमें दुनिया के कई देशों ने आयुष काढ़ा ओर आयुर्वेदिक दवाओं को अपनाया है। आरोग्य भारती उत्तर बिहार के प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. संजीव कुमार के नेतृत्व में वैश्विक महामारी कोरोना के समय संगठन द्वारा किये गये कार्यों की समीक्षा और आयुर्वेद की उपयोगिता पर आयोजित वर्चुअल परिचर्चा आयोजित की गई। इस मौके पर मुख्य अतिथि और आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. अशोक वाष्र्णेय ने बताया कि कोरोना काल ने लोगों को बहुत कुछ सिखाया है। विभिन्न प्रकार के नए-नए कार्य लोगों ने किए हैं। आयुष काढ़ा और होम्योपैथिक की दवा को विश्व में कई देशों ने अपनाया है। आयुर्वेद ने इस दौरान कोरोना को नियंत्रित करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। घरेलू उपचार, प्रथम उपचार आदि आयामों को आरोग्य भारती आने वाले समय में विस्तृत रूप से चलाने की योजना पर काम कर रही है। उन्होंने हर जिले में नियमित कार्यक्रमों को चलाने के लिए कार्यकर्ताओं का आह्वान किया। इससे आगे और कार्यकर्ता जुड़ेंगे।इस दौरान आरोग्य भारती उत्तर बिहार के प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ.संजीव कुमार ने कहा कि कोरोना काल में संगठन द्वारा झुग्गी झोपड़ी और रिक्सा ठेला वालों के बीच चावल दाल सुखी सब्जी आदि खाद्यान्नों का वितरण किया गया। जगह जगह पर मास्क का वितरण किया गया जबकि मुहल्ले में सेनेटाइजेशन किया गया है। इस परिचर्चा में सभी जिलों के संयोजक ने अपने अपने संगठन का रिपोर्ट रखी। परिचर्चा में डॉ.रंजन कुमार दुबे ने कोरोना काल में आयुर्वेद की उपयोगिता पर विस्तार से बताया। कार्यक्रम का संचालन आरोग्य भारती उत्तर बिहार प्रांत संयोजक डॉ.सनोज कुमार यादव ने की। प्रांत सचिव सुधीर प्रसाद ने भी अपने विचार व्यक्त किया। परिचर्चा के अंत में उत्तर बिहार आरोग्य भारती के अध्यक्ष डॉ. विवेकानंद ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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