शहरी में कम हुआ कोरोना संक्रमण, गांव अब भी चिता का सबब
जिले के शहरी इलाके में संक्रमण दर तेजी से घटा है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र अब भी चिता का सबब बना हुआ है।
पूर्णिया [दीपक शरण]। जिले के शहरी इलाके में संक्रमण दर तेजी से घटा है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र अब भी चिता का सबब बना हुआ है। जिले सभी 14 प्रखंडों के ग्रामीण इलाके में कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे है। प्रखंड में स्वास्थ्य सेवा की खराब हालत बढ़ता संक्रमण एक चुनौती बन रहा है। टेस्ट से लेकर जागरूकता और उपचार की सुविधा की कमी से स्थिति खराब होते देर नहीं लगेगी। जिले में कई प्रखंड में अब उच्च संक्रमण दर है। उच्च संक्रमण दर वाले प्रखंड में बीकोठी जहां 82 सक्रिय मरीज है। इसके साथ रुपौली 73, श्रीनगर 71, जलालगढ़ 70, धमदाहा में 69, भवानीपुर 50, अमौर 70 है। ये प्रखंड ऐसे हैं जहां पचास से अधिक सक्रिय मरीज है। जिले में मरने वालों की संख्या अब 105 हो गई है। पांच या उससे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत पिछले दस दिनों से रोजाना हो रही है। जिले में पहला मामला 19 मार्च को प्रकाश में आया था। उसके बाद से महज 77 दिनों में 13 हजार 233 पॉजिटिव की पहचान हुई। अच्छी बात यह रही कि 12 हजार 249 लोग कोरोना से ठीक भी हो गए। अब यहां पर ठीक होने की दर 90 फीसद से अधिक है। इस दौरान 105 लोगों ने दम तोड़ दिया। वर्तमान में सक्रिय मरीजों की संख्या 879 है। संक्रमण दर में काफी सुधार आया है लेकिन अब ग्रामीण इलाके से अधिक मरीज मिल रहे है। चिकित्सक के मुताबिक वहां टेस्ट की सुविधा जब नहीं बढ़ेगी तबतक असली आंकड़े की जानकारी नहीं हो सकती है। शहरी इलाके में टेस्ट की सुविधा और जागरूकता के कारण लोग लक्षण उभरते ही टेस्ट के लिए पहुंच रहे हैं लेकिन ग्रामीण इलाके में ऐसा नहीं है। वहां टेस्ट की सुविधा का अभाव है। पीएचसी में दोपहर बाद कोई नहीं रहता है। पिछले तीन दिनों से संक्रमितों की संख्या दो अंकों में सिमट गई है। 24 को 78, 25 को 98 और 26 को 99 मरीज की पहचान हुई। सात मई को 528 संक्रमित मामले की पहचान हुई थी। 20 दिन में अब दैनिक संक्रमण दो अंकों में पहुंच चुका है।
30 अप्रैल को जिले में 3 हजार 293 सक्रिय मरीज थे जब 800 के नीचे पहुंच गया है। ग्रामीण इलाके में संक्रमण दर पर लगाम लगाने की आवश्यकता है। प्रखंड स्तर पर कोविड उपचार की समुचित सुविधा का भी अभाव है। अब ग्रामीण इलाकों में टेस्टिग सुविधा नहीं बढ़ेगी तबतक संक्रमण पर लगाम लगाना मुश्किल है। वैसे भी 879 सक्रिय मरीजों में 652 ग्रामीण इलाके से है। शहरी इलाके अब सक्रिय मरीज की संख्या महज 227 है। शहरी इलाके में अब सदर अस्पताल में 250 से जांच में दस से भी कम मरीज मिल रहे है।