इस त्योहार में मतदाताओं की खूब कटी मौज, प्रत्याशियों की जेब हुई ढीली
पूर्णिया। पंचायत चुनाव के बीच आए त्योहार से मतदाताओं की खूब मौज कटी। दुर्गा पूजा के अवसर पर एक-एक मत
पूर्णिया। पंचायत चुनाव के बीच आए त्योहार से मतदाताओं की खूब मौज कटी। दुर्गा पूजा के अवसर पर एक-एक मतदाताओं के घर कई सेट कपड़े पहुंचे तो मिठाई एवं नकदी की भी कमी नहीं रही। यह संभव हुआ है पंचायत चुनाव की वजह से। चुनाव को लेकर अभी प्रत्याशी सेवा का कोई मौका गंवाना नहीं चाहते सो त्योहार के बहाने मतदाताओं की खूब खिदमत की। इधर, त्योहार में परंपरा के नाम पर मतदाता को भी परहेज नहीं रहा और प्रत्याशी उनकी हर मांग पूरी करने के लिए एक पैर पर खड़ा रहे। एक मतदाता के यहां कई-कई प्रत्याशियों ने तोहफे पहुंचाए। कई मतदाताओं ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि इस त्योहार में कोई कमी नहीं रही, खूब मौज कटी। इसके साथ ही प्रत्याशियों की खूब जेब ढीली हुई।
तीन प्रखंडों में पूजा से पहले हो चुका है चुनाव तोहफे का खेल उन प्रखंडों में अधिक चला जहां अभी हाल में चुनाव होना है। अभी तक जिले में दो चरणों में सिर्फ तीन प्रखंडों में चुनाव हुआ है। बनमनखी में पहले चरण में और बीकोठी व भवानीपुर में दूसरे चरण में चुनाव संपन्न हो चुका है। वहां मतदाताओं की पूछ नहीं के बराबर हुई लेकिन दशहरा के तुरंत बाद 20 अक्टूबर को धमदाहा और 24 को केनगर और श्रीनगर में मतदान होना है। धमदाहा के 24 पंचायत सहित केनगर के 17 एवं श्रीनगर के नौ पंचायत में चुनावी संग्राम चरम पर है। प्रत्याशियों के बीच कांटे की प्रतिद्वंद्विता चल रही है। मतदाताओं को रिझाने के लिए प्रत्याशी मौके की तलाश में लगे हुए हैं, कोई भी मौका वे हाथ से नहीं जाने देना चाहते। ऐसे में त्योहार उनके लिए
एक अवसर के रूप में सामने आया और इस बहाने दुर्गा पूजा में मतदाताओं की खूब आवभगत की। अब उनकी इस सेवा का किसे कितना फल मिलता है यह तो परिणाम ही बताएगा।
सेवा में निवर्तमान प्रतिनिधि रहे आगे त्योहार को अवसर के रूप में भुनाने में निवर्तमान प्रतिनिधि आगे रहे। माना जाता है कि निवर्तमान प्रतिनिधियों के पास धन की कमी नहीं है। खासकर मालदार पदों के प्रतिनिधि धन-बल में आगे हैं, इसलिए त्योहार में तोहफा बांटने में वे सबसे अधिक आगे रहे। पंचायतों के एससी, एसटी व गरीब तबके के वोटरों के बीच पैठ बनाने के लिए वे पैसा पानी की तहर बहाने से गुरेज नहीं कर रहे। वे वोटरों को खुश करने के लिए हर हथकंडा अपना रहे हैं। ऐसे में त्योहार के बहाने वोटरों पर डोरा डालने के लिए कपड़े से लेकर नकदी तक जरूरतमंदों के घर पहुंचाए तथा उनसे वोट का वादा भी लिया। हालांकि कुछ नए प्रत्याशी भी इसमें पीछे नहीं हैं। वे भी वोटरों की तमीरदारी में पीछे नहीं रहे। एक प्रत्याशी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि आदिवासी और मांझी टोले में उसने प्रति परिवार एक साड़ी व पेंट-सर्ट का कपड़ा सहित 500 नकद पैकेट दिया। बताया कि इस बार उनकी जीत पक्की है..। खैर, जो भी हो लेकिन इस त्योहार वोटरों की खूब मौज कटी, भले ही प्रत्याशियों की जेबें जरूर ढीली हुईं।