पूर्णिया जिले में मिले कुष्ठ के 42 नए रोगी, 23 हुए रोग मुक्त

जिले में कुष्ठ रोग के प्रसार दर में काफी कमी है। प्रसार दर एक फीसद से भी कम 0.61 फीसद है। कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत नए मरीजों की पहचान और उपचार का कार्य चल रहा है। इस वर्ष 42 नए रोगी की पहचान हुई जबकि 23 रोगी रोग मुक्त हो गए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 07:10 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:10 PM (IST)
पूर्णिया जिले में मिले कुष्ठ के 42 नए रोगी, 23 हुए रोग मुक्त
पूर्णिया जिले में मिले कुष्ठ के 42 नए रोगी, 23 हुए रोग मुक्त

पूर्णिया। जिले में कुष्ठ रोग के प्रसार दर में काफी कमी है। प्रसार दर एक फीसद से भी कम 0.61 फीसद है। कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत नए मरीजों की पहचान और उपचार का कार्य चल रहा है। इस वर्ष 42 नए रोगी की पहचान हुई जबकि 23 रोगी रोग मुक्त हो गए। 42 नए रोगी में पीबी( कम संक्रमित) रोगियों की संख्या 29 और एमबी (गंभीर रोगी) रोगियों की संख्या 13 है। वर्तमान में जिले में 244 कुष्ठ रोगी हैं जिनका उपचार चल रहा है। इसमें 42 नए रोगी जिनकी पहचान हुई है वे भी शामिल हैं। 244 में पीबी रोगी 77, बच्चा रोगी 61, एमडी वयस्क 99 और बच्चा रोगी 7 है।

जिले में रोग प्रसार दर में कमी --:

नियमित सर्विलांस व फोलोअप के कारण जिले में प्रसार दर में कमी आई है। रोग फैलाव दर 0.61 फीसद है।

कर्मियों की टीम बनाकर नियमित खोज अभियान चलाया जाता है। बाहर जाकर रोजगार करने वाले जब वापस घर लौटते हैं तो उनपर आशा कार्यकर्ता के माध्यम से नजर रखी जाती है। संदिग्ध होने पर पीएचसी बुला कर चिकित्सक जांच करते है। विभाग के अचिकित्सा सहायक सुमंत कुमार सिन्हा ने बताया कि सभी रोगियों का डेटाबेस तैयार कर लिया गया है। रोगियों के खुराक की निगरानी की जाती है। अस्पताल में निर्धारित तिथि पर रोगी या स्वजन दवा नहीं लेने पहुंचते हैं तो पता पर आशा कार्यकर्ता को भेजा जाता है।

रोग का प्रभाव व्यापक -:

डॉ. एसके वर्मा ने बताया कि यह रोग केवल त्वचा को ही प्रभावित नहीं करता है बल्कि नसों, श्वास नली और आंखों को भी प्रभावित करता है। अगर इलाज ना हो तो नसें कमजोर हो जाती है। त्वचा खराब हो जाती है। स्थायी रूप से त्वचा में संवेदना खत्म हो जाती है।

लाभुकों के खाते में पहुंच रही है सहायता राशि -:

जिले में ऐसे रोगी जो रोग मुक्त हो गए हैं उनको नियमित सहायता राशि बिहार शताब्दी कुष्ठ उन्मूलन कल्याण कोष से दी जाती है। जिले में ऐसे 531 लाभुक हैं जिनके खाते में योजना अंतर्गत राशि हस्तांतरित की गई है। 1500 रूपये प्रत्येक माह एक रोगी को प्रदान की जाती है। जिले में 150 लाभुक हैं जिनके खाते में राशि भेजना शेष है। उनके कागजात के जांच के बाद उनकी सहायता राशि प्रारंभ हो जाएगी।

--------------------- कोट के लिए ---

जिले में कुष्ठ रोगी उन्मूलन कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत रोगियों का सर्विलांस व उपचार किया जाता है। नियमित सर्विलांस और फोलोअप से रोग फैलाव दर में कमी आई है। रोगियों को दी जाने वाली दवा के खुराक की नियमित निगरानी होती है।

डॉ. एसके वर्मा, सिविल सर्जन

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