SDRF के जवानों की इस मुस्‍तैदी पर आप भी कहेंगे शाबाश, पटना में बचा ली एक परिवार की जान

दीघा के जनार्दन घाट पर शुक्रवार को नहाने के दौरान आठ वर्षीय बच्ची गंगा में डूबने लगी। यह देखकर उसके माता-पिता ने बचाने के लिए छलांग लगा दी। लेकिन तीनों गंगा की धारा में बहने लगे। तब एसडीआरएफ के जवान हरकत में आए।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 02:40 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 02:40 PM (IST)
SDRF के जवानों की इस मुस्‍तैदी पर आप भी कहेंगे शाबाश, पटना में बचा ली एक परिवार की जान
एसडीआरएफ की टीम ने बचाई माता-पिता और बच्‍चे की जान। सांकेतिक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। दीघा के जनार्दन घाट पर शुक्रवार को नहाने के दौरान आठ वर्षीय बच्ची गंगा में डूबने लगी। यह देखकर उसके माता-पिता ने बचाने के लिए छलांग लगा दी। लेकिन तीनों गंगा की धारा में बहने लगे। यह देखकर घाट पर तैनात एसडीआरफ के जवानों (SDRF Jawans) ने तुरंत सूझबूझ दिखाते हुए नदी में कूदकर तीनों की जान बचा ली। बच्‍ची के पेट में ज्‍यादा पानी भर गया था। हालांकि अब तीनों की हालत ठीक है। सभी एसडीआरएफ के जवानों की मुस्‍तैदी की सराहना कर रहे हैं। उनका कहना है कि पलभर का भी विलंब हो जाता तो अनहोनी हो गई होती। 

तैरना जानते थे पिता, लेकिन इस वजह से डूबने लगे 

एसडीआरफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विसर्जन को लेकर विभाग के जवानों को गंगा के अलग-अलग घाटों पर तैनात किया गया था। शुक्रवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे पटना के दीघा इलाके के जनार्दन घाट पर पुनाइचक का परिवार पहुंचा था। बच्ची गंगा में स्नान के लिए उतरी। इस दौरान गहरे पानी में चली गई थी। उसे बचाने नदी में उतरी उनकी मां भी गंगा में डूबने लगी। लड़की के पिता तैरना जानते थे। लिहाजा वे बेटी और पत्‍नी को बचाने गंगा में कूद गए। लेकिन इस दौरान बच्ची और महिला ने उन्हें कस कर पकड़ लिया। बाद में तीनों गंगा नदी में डूबने लगे। घटना देख एसडीआरएफ के जवान हरकत में आए। उन्होंने बोट से गहरे पानी में जाकर तीनों को बाहर निकाला। प्राथमिक उपचार कर तीनों को बाद में घर जाने दिया गया।

जवानों ने तत्‍परता नहीं दिखाई होती तो हो जाती अप्र‍िय घटना

अधिकारी के मुताबिक एसआइ रघुवर सिंह के नेतृत्व में दीघा में प्रतिमा विसर्जन के दौरान विभाग के टीम को तैनात किया गया था। यदि बचावकर्मी तेजी नहीं दिखाते तो अप्रिय घटना घट सकती थी। इसमें बचावकर्मी सिपाही गंगाराम, गुलजार आलम और देवेंद्र कुमार ने काफी हिम्मत और सूझबूझ का परिचय दिया। वहां मौजूद लोग भी एसडीआरएफ के जवानों की इस तत्‍परता के कायल दिखे। 

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