Bihar: यास ने 73 हजार हेक्‍टेयर में लगी फसलें की बर्बाद, केवल ऐसे किसानों को ही मिलेगा मुआवजा

यास चक्रवातीय तूफान से बिहार के 16 जिलों के 73 हजार हेक्टेयर में लगी फसलें हुई बर्बाद। इन जिलों के 141 प्रखंडों में 33 फीसद से अधिक नुकसान वाले किसानों को मिलेगा मुआवजा। कृषि विभाग ने आपदा प्रबंधन विभाग से मांगी राशि।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 08:18 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 08:18 AM (IST)
Bihar: यास ने 73 हजार हेक्‍टेयर में लगी फसलें की बर्बाद, केवल ऐसे किसानों को ही मिलेगा मुआवजा
मई में आए यास तूफान ने मचाई थी भारी तबाही। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार के किसानों का यास तूफान (YAAS Cyclone) से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सौ करोड़ रुपये मिलेंगे। यह राशि राज्य के 16 जिलों के 141 प्रखंडों के किसानों को दी जाएगी। चक्रवातीय तूफान से किसानों की फसल को 33 फीसद से अधिक नुकसान हुआ है। विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 73085.77 हेक्टेयर जमीन में लगी फसल बर्बाद हुई है। कृषि सचिव डा. एन सरवण कुमार ने आपदा प्रबंधन विभाग को नुकसान का ब्यौरा भेज दिया है। किसानों को भुगतान के लिए राशि की मांग भी की है। 

मई में तूफान ने फसलों को पहुंचाई थी काफी क्षति 

मई महीने में यास तूफान ने गरमा दलहन की खेती को बर्बाद कर दिया था। दो दिन के इस तूफान ने दलहन के अलावा सब्जी के अलावा आम और लीची की बागवानी को भारी नुकसान हुआ था। कृषि विभाग ने उसी समय जिले के अधिकारियों को नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। कृषि विभाग को विस्तृत रिपोर्ट मिल गई है। अब विभाग किसानों से आवेदन लेकर मुआवजे का भुगतान करेगा। आवेदन लेने के बाद एक बाद फिर से जिलों के अधिकारियों से स्थल जांच कराई जाएगी। किसानों के दावे की सच्चाई जानने के बाद नुकसान के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। 

इन जिलों में यास के कारण हुई तबाही

कृषि विभाग को जिलों से मिली रिपोर्ट के अनुसार पटना, वैशाली, भोजपुर, बक्सर, अरवल, पश्चिम चम्पारण, दरभंगा, मधुबनी, शेखपुरा, लखीसराय, खगड़ि‍या, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया और कटिहार जिलों के 141 प्रखंडों के किसानों को सर्वाधिक नुकसान हुआ है। आपदा के नियम के अनुसार इन किसानों को मुआवजे का भुगतान किया जाएगा। नियम के अनुसार 33 फीसद से कम नुकसान होने पर मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है। ऐसे किसान जिनकी फसल एक चौथाई नष्ट हुई है वह भी मुआवजे के हकदार नहीं होंगे। ऐसे में काफी संख्‍या में किसान इस सहायता से वंचित रह जाएंगे। 

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