World Sight Day: अपनी आंखों से करें प्यार, लापरवाही पड़ सकती है भारी, पटना के डाक्टर की मानिए सलाह
आंख शरीर का सबसे नाजुक अंग होता है। इसकी देखरेख में छोटी सी लापरवाही बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है। आंखों की देखरेख के प्रति जागरूक करने को हर वर्ष 14 अक्टूबर को विश्व दृष्टि दिवस (World Sight Day) मनाया जाता है।
पटना, जागरण संवाददाता। आंख शरीर का सबसे नाजुक अंग होता है। इसकी देखरेख में छोटी सी लापरवाही बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है। आंखों की देखरेख के प्रति जागरूक करने को हर वर्ष 14 अक्टूबर को विश्व दृष्टि दिवस (World Sight Day) मनाया जाता है। WHO ने इस वर्ष इसका थीम अपनी आंखों से प्यार करो (Love your Eyes) रखा गया है। ये बातें बुधवार को नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. सुनील कुमार सिंह ने विश्व दृष्टि दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित जागरूकता शिविर में कहीं।
कंप्यूटर पर लगातार नहीं करें काम
उन्होंने कहा कि थोड़ी सी सावधानी बरतकर हम अपने आंखों को सुरक्षित और स्वस्थ रख सकते हैं। आंखों की देखभाल के प्रति हमेशा सतर्क रहना चाहिए। कंप्यूटर या मोबाइल जैसी चमकीली स्क्रीन को लंबे समय तक लगातार नहीं देखें। बीच-बीच में पलकों को झपकाते रहें। मुंह में पानी भर कर आंखों में ठंडे पानी के छीेंटे मारने से उन्हें थकान से बचाया जा सकता है। नेत्र रोगों की शुरुआत में पहचान कर तुरंत उसका उपचार कराने से अधिकतर रोगों को ठीक किया जा सकता है। डा. सुनील ने कहा कि कंप्यूटर पर काम करने के दौरान जो लोग आंखों का ध्यान नहीं रखते उन्हें बहुत जल्द चश्मा लग जाता है और जिन्हें चश्मा लगा होता है उनके नंबर बढ़ते जाते हैं या कई अन्य समस्याएं घेर लेती हैं। ग्लूकोमा व डायबिटीज रेटिनोपैथी जैसे नेत्र रोगों की रोकथाम के लिए हर छह माह या 12 माह में जांच कराना जरूरी है।
ये लक्षण दिखें तो डाक्टर से जरूर कराएं जांच
आंखों में थकान का अनुभव होना, दूर या नजदीक की वस्तुएं साफ नहीं दिखना, आंखों में सूखापन, कम रोशनी में दिखाई नहीं देना, आंखों में दर्द, धुंधलापन, लालिमा या पानी आना, आंखों में खुजली, जलन, एक चीजे दो-दो दिखना। ये सारे लक्षण आंखों की सेहत के साथ ही आपकी सेहत के लिए भी ठीक नहीं होते। इसलिए डाक्टर से आंखों की जांच जरूर कराएं।