World Heritage Day Special: विरासतों के मामले में समृद्ध है पटना, घूमते-घूमते थक जाइएगा आप

World Heritage Day Special पटना का इतिहास काफी प्राचीन रहा है। इस शहर में विरासतों की कमी नहीं है। सचिवालय गोलघर पटना संग्रहालय बिहार संग्रहालय ज्ञान भवन सभ्‍यता द्वार चि‍ड़‍ियाघर दरभंगा हाउस पटना साहिब का तख्‍त श्रीहरिमंदिर जैसे तमाम स्‍थल हैं जहां घूमकर आपका दिन यादगार बन जाएगा।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 02:20 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 02:20 PM (IST)
World Heritage Day Special: विरासतों के मामले में समृद्ध है पटना, घूमते-घूमते थक जाइएगा आप
सौ साल से अधिक पुराने पटना संग्रहालय की आलीशान इमारत। जागरण

पटना, अंकिता भारद्वाज। World Heritage Day Special: पटना का इतिहास काफी प्राचीन रहा है। इस शहर में विरासतों की कमी नहीं है। शहर के विकास के साथ ऐसी विरासतों की सूची लंबी होती गई, जिनपर न सिर्फ पटना बल्कि पूरे बिहार के लोग गर्व करते हैं। ऐसे ठ‍िकानों पर घूमकर आपको पटना की सांस्‍कृतिक भव्‍यता का अंदाजा मिलेगा। पटना का सचिवालय, गोलघर, पटना संग्रहालय, बिहार संग्रहालय, ज्ञान भवन, सभ्‍यता द्वार, चि‍ड़‍ियाघर, दरभंगा हाउस, पटना साहिब का तख्‍त श्रीहरिमंदिर, अशोक राजपथ स्थित पादरी की हवेली और ऐसे तमाम स्‍थल हैं, जहां घूमकर आपका दिन यादगार बन जाएगा।

तीस इंच मोटी दीवार पर टिका है सचिवालय भवन

बिहार, झारखंड और ओडिशा का पहला सरकारी भवन पुराने सचिवालय का निर्माण एक शताब्दी वर्ष पहले हुआ था। ब्रिटिश सरकार के दौरान इस भवन को बनाया गया था। सचिवालय की दीवार की खासियत है ये 30 इंच मोटी है, जिसको चूना और सुरखी से बनाया गया है। यहां लोगों की सुविधा के लिए घंटाघर भी बनाया गया था, जो 184 फीट उंचा है। अब लोगों को इस घंटाघर की बहुत जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन इसे देखकर पुराना दौर जरूर याद आता है।

गोलघर अभी भी है लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र

पटना का प्रतीक चिह्न बन चुके गोलघर की वास्तु कला की अपनी एक अलग कहानी है। यह ब्रिटिश वास्तु शिल्प से बना है। गेरुआ रंग का गाेलघर अभी भी लोगों को आकर्षित करता है। 29 मीटर ऊंचे गोलघर की दीवारें 3.6 मीटर मोटी हैं। गोलघर के परिसर में एक खूबसूरत पार्क भी है। कभी गोलघर की सीढ़‍ियों पर चढ़कर लोग पूरे पटना का दीदार किया करते थे, लेकिन फिलहाल गोलघर पर चढ़ना मना है।

दुनिया के बेहतरीन संग्रहालयों में एक है बिहार म्यूजियम

बेली रोड स्थित बिहार म्यूजियम अभी हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां लोगों को बिहार की संस्कृति और सभ्यता को जानने का मौका  मिलता है। यहां बनी हुई सारी गैलरी एक दूसरे से बिल्कुल अलग और खास हैं। यहां बिहार के प्रमुख लोगों से जुड़ी हुई चीजों को रखा गया है, तो वहीं इतिहास के साथ लोगों का मनोरंजन भी होता रहे, इसलिए थ्रीडी गैलरी के माध्यम से बिहार के बाकी ऐतिहासिक स्थलों का दर्शन भी नए अंदाज में कराया जाता है। म्यूजियम की चिल्‍ड्रेन गैलरी बेहद खास है। इस गैलरी के माध्यम से बच्चे मॉडर्न इतिहास के बारे में जान सकते हैं। साथ ही प्रमुख जानवरों के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

पटना म्यूजियम में रखा है भगवान बुद्ध का अस्थि कलश

बिहार का सबसे पुराना म्यूजियम है पटना म्यूजियम। इस म्यूजियम में आने के बाद लोगों को इतिहास से जुड़ी सारी जानकारियां आसानी से मिल सकती हैं। यहां वैसी चीजें रखी गई हैं, जो किसी और म्यूजियम में देखने को नहीं मिल सकती हैं। यहां भगवान बुद्ध का अस्थि कलश देखने को मिलता है, तो वहीं 100 साल से भी ज्यादा पुराने पेड़ के साथ राजेंद्र प्रसाद और राहुल सांकृत्‍यायन से जुड़ी चीजें भी देखने को मिलती हैं। पटना म्यूजियम की गैलरी के साथ-साथ उसका भवन भी दर्शकों के लिए हमेशा से आकषण का केंद्र रहा है।

दरभंगा हाउस है युवाओं का पसंदीदा स्‍पॉट

पटना का श्रीकृष्‍ण विज्ञान केंद्र भी पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण है। गंगा किनारे बना दरभंगा हाउस अपने अंदर राजधानी के कई सारे इतिहास को समेटे हुए है। ये भवन अपने आप में एक आकर्षण का केंद्र है। अभी के समय में यहां पटना विश्वविद्यालय की कुछ कक्षाएं चलती हैं। गंगा के किनारे यहां मां काली का एक भव्य मंदिर है। राजधानी के लोगों के बीच इस मंदिर को लेकर गहरी आस्था भी देखने को मिलती है। यह पटना के युवाओं का एक पसंदीदा स्‍पॉट है।

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