बिहार के तीन करोड़ श्रमिकों को अब मिलेंगे ज्यादा पैसे, रोजाना इतने रुपये तक की होगी वृद्धि

श्रम संसाधन विभाग ने श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि के प्रस्ताव तैयार किया है। इसे जल्द न्यूनतम मजदूरी परामर्शदात्री समिति को भेजी जाएगी। राज्य के तीन करोड़ श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी की दर में 15 रुपये तक की रोजाना वृद्धि होगी

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 07:30 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 07:30 PM (IST)
बिहार के तीन करोड़ श्रमिकों को अब मिलेंगे ज्यादा पैसे, रोजाना इतने रुपये तक की होगी वृद्धि
बिहार के तीन करोड़ श्रमिकों की मजदूरी में इजाफा होगा। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य के तीन करोड़ श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी की दर में 15 रुपये तक की रोजाना वृद्धि होगी एक अक्टूबर से यह वृद्धि प्रभावी होगी। श्रम संसाधन विभाग ने श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि के प्रस्ताव तैयार किया है। इसे जल्द न्यूनतम मजदूरी परामर्शदात्री समिति को भेजी जाएगी। अभी अकुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी 304 रुपये रोजाना है। जबकि अद्र्धकुशल श्रमिकों को 316 रुपये रोजाना देने का प्रविधान है। वहीं कुशल श्रमिकों को 385 रुपये रोजाना तो अतिकुशल श्रमिकों को 470 रुपये रोजाना का प्रविधान है।

श्रम संसाधन मंत्री जिवेश कुमार ने श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की सहमति दी है। इस संबंध में विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों को सरकार महंगाई भत्ता देती है। उसी के तर्ज पर उपभोक्ता सूचकांक को आधार बनाकर राज्य के श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी करी जाती है। हाल में केंद्र और राज्य सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की है। इसे ध्यान में रखते हुए श्रम संसाधन विभाग ने भी श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि के प्रस्ताव पर सहमति दी है, जिसे लागू करने की अधिसूचना जल्द जारी की जाएगी। विभाग के प्रस्ताव को परामर्शदात्री समिति ने भी सहमति दी है।

न्यूनतम मजदूरी का लाभ मिलेगा

प्रस्ताव में श्रमिकों के वर्गीकरण के अनुसार उन्हें न्यूनतम मजदूरी का लाभ मिलेगा। राज्य में श्रमिकों का वर्गीकरण चार श्रेणी में किया गया है। बिना प्रशिक्षण के काम करने वाले श्रमिकों को अकुशल श्रेणी में रखा गया है। बिना प्रशिक्षण के कुछ साल तक काम का अनुभव रखने वाले श्रमिकों को अर्धकुशल की श्रेणी में रखा गया है। जबकि प्रशिक्षित श्रमिकों को कुशल तो प्रशिक्षित की श्रेणी में भी कुछ वर्ष तक काम करने वाले श्रमिकों को अतिकुशल श्रेणी में रखा गया है। इन सभी श्रमिकों की दैनिक न्यूनतम मजदूरी तय है। इससे कम पैसे देने पर सरकार द्वारा संबंधित संस्थानों या व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई का प्रविधान है।

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