क्‍या इस्लाम, सिख, बौद्ध व इसाई के बारे में भी बोलेंगे, बिहार BJP ने जीतनराम मांझी से पूछे तल्‍ख सवाल

Bihar Politics भाजपा और हम के बीच कड़वाहट बढ़ती जा रही है। मांझी की ओर से एक के बाद एक अप्रत्‍याशित और आक्रामक बयानों पर भाजपा के बड़े नेता भले चुप्‍पी साधे हुए हैं लेकिन उनके बयानों का विरोध जारी रखा गया है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 09:19 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 09:19 AM (IST)
क्‍या इस्लाम, सिख, बौद्ध व इसाई के बारे में भी बोलेंगे, बिहार BJP ने जीतनराम मांझी से पूछे तल्‍ख सवाल
बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण टीम। पहले भगवान श्रीराम के अस्तित्‍व पर सवाल उठाने, बाद में सवर्णों को विदेशी बताने और अनुसूचित जाति के लोगों का मंदिर जाने से मना करने को लेकर भाजपा और हम के बीच कड़वाहट बढ़ती जा रही है। मांझी की ओर से एक के बाद एक अप्रत्‍याशित और आक्रामक बयानों पर भाजपा के बड़े नेता भले चुप्‍पी साधे हुए हैं, लेकिन उनके बयानों का विरोध जारी रखा गया है। भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष राजीव रंजन ने मांझी से बेहद तल्‍ख सवाल पूछा है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी द्वारा भगवान राम को काल्पनिक बताए जाने पर पलटवार करते हुए शुक्रवार को भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने मांझी पर तुष्टीकरण पर आरोप लगाया। उन्‍होंने बगैर सीधे तौर पर बोले मांझी को चुनौती दी कि वे राम की तरह पैगंबर मोहम्‍मद, गुरु नानक, भगवान बुद्ध और ईसा मसीह के बारे में भी इसी तरह के बयान देकर दिखाएं।

डूबती राजनीति चमकाने के लिए कर रहे तिकड़म

भाजपा नेता ने मांझी से पूछा है कि इस्लाम, सिख, बौद्ध व इसाई आदि धर्मों में वर्णित महापुरुषों को वह सत्य मानते हैं या काल्पनिक? अगर अपनी डूबती राजनीति चमकानी हो तो किसी बड़े नाम वाले पर कोई आरोप लगा दीजिए। भगवान राम तो मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, जो सबका बेड़ा पार करते हैं। अपने नाम में राम का नाम रखने वाले राम नाम से एकाएक वितृष्णा होने लगी है तो समझिए कि उनका ध्यान किन वोटों पर है।

कामेश्‍वर चौपाल ने भी उठाए थे सवाल

इससे पहले विहिप के प्रदेश अध्‍यक्ष कामेश्‍वर चौपाल ने भी इस मसले पर मांझी को घेरा था। उन्‍होंने कहा था कि राजनीतिक हित साधने के लिए मांझी ने ऐसा बयान दिया। वे केवल सत्‍ता के लिए कुछ भी बोल देते हैं। उन्‍होंने कहा कि जब अनुसूचित जाति के लोगों पर हमला होता है, तब क्‍यों उनके मुंह में दही जम जाता है।

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