कोरोना की लहर थमी तो एनएमसीएच में शुरू हुई ओपीडी, कल से भर्ती किए जाएंगे सामान्‍य मरीज

एनएमसीएच में सामान्‍य मरीजों का उपचार शुरू हो गया है। गुरुवार को ओपीडी सेवा शुरू कर दी गई। 18 जून से इनडोर सेवा भी शुरू हो जाएगी। कोरोना मरीजों के उपचार के लिए इसे कोविड डेडिकेटेड अस्‍पताल बना दिया गया था।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 01:11 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 01:11 PM (IST)
कोरोना की लहर थमी तो एनएमसीएच में शुरू हुई ओपीडी, कल से भर्ती किए जाएंगे सामान्‍य मरीज
शिशु विभाग में मरीज की जांच करते चिकित्‍सक। जागरण

पटना, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ने के साथ अब सभी व्‍यवस्‍थाएं धीरे-धीरे पटरी पर आने लगी हैं। इस क्रम में राजधानी के बड़े अस्‍पताल एनएमसीएच (NMCH) में तीन महीने बाद गुरुवार को ओपीडी सेवा शुरू हो गई। इनडोर सेवा भी एक दिन बाद शुरू कर दी जाएगी। हालांकि पहले दिन मरीजों की संख्‍या काफी रही। इसके पीछे लोगों को इसकी जानकारी नहीं होना बताया जा रहा है। आंकड़े के अनुसार एनएमसीएच की ओपीडी में प्रतिदिन दो हजार से अधिक मरीज आते थे। 

कोरोना डेड‍िकेटेड हॉस्पिटल के रूप में कर रहा था काम 

कोरोना के कहर के कारण एनएमसीएच में ओपीडी बंद कर दिया गया था। तब से यह कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल बन गया था। यहां कोरोना मरीजों का इलाज ही चल रहा था। इस कारण आम लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा था। न तो ओपीडी में मरीज देखे जा रहे थे न इनडोर में भर्ती किए जा रहे थे। ओपीडी शुरू होने के पहले दिन मरीजों की संख्‍या दोपहर तक 50 से भी कम रही। अस्‍पताल अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि 18 जून से मरीजों के लिए इनडोर सेवा भी शुरू कर दी जाएगी। 

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जूनियर डॉक्‍टरों की पहल पर शुरू हुआ सामान्‍य मरीजों का उपचार

कोरोना मरीजों की संख्‍या कम होने के बाद स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के प्रधान सचिव से ओपीडी व इनडोर सेवा शुरू किए जाने की मांग जूनियर डॉक्‍टरों की ओर से की गई थी। इसके बाद डेडिकेटेड अस्‍पताल अब सामान्‍य मरीजों के लिए शुरू हो गया। इससे पहले 16 जून को सभी वार्डों का सैनिटाइजेशन किया गया। शिशु रोग विभाग की इमरजेंसी से कोरोना संक्रमित मरीज को मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल (MCH) में शिफ्ट किया जा रहा है। वहीं ब्‍लैक फंगस के मरीज ईएनटी वार्ड में रखे जाएंगे। कोरोना की पहली लहर में भी एनएमसीएच को कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल बनाया गया था। पिछले वर्ष पांच अक्‍टूबर तक यह कोरोना मरीजों के लिए समर्पित रहा। 

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