याचिकाकर्ता को अतिक्रमणकारी ने दी धमकी तो पटना हाई कोर्ट ने कहा-सुरक्षा दें डीजीपी
पटना के बुद्धा कालोनी क्षेत्र के दुजरा में सरकारी तालाब के रूप में चिह्नित स्थल को विकसित करने के लिए दायर लोकहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एएम बदर की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से उक्त आदेश दिया।
राज्य ब्यूरो, पटना: पटना हाईकोर्ट ने एक लोकहित याचिकाकर्ता को फोन पर धमकी देने के मामले पर राज्य के डीजीपी एसके सिंघल को मौखिक रूप आदेश दिया है कि वह याचिकाकर्ता को सुरक्षा मुहैय्या करवाएं। पटना की बुद्धा कालोनी क्षेत्र के दुजरा में सरकारी जमीन पर स्थित तालाब के रूप में चिह्नित स्थल को विकसित करने के लिए दायर लोकहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एएम बदर की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से उक्त आदेश दिया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुमित कुमार सिंह ने खंडपीठ को बताया कि उक्त मामले के याचिकाकर्ता को अतिक्रमणकारियों द्वारा फोन पर धमकियां दी जा रही हैं। इस पर कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार के अधिवक्ता को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ता को सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर राज्य के डीजीपी से पहल करें।
एक सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करें
खंडपीठ ने इस मामले पर राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने को भी कहा है। इसके पूर्व अदालत ने पटना के जिलाधिकारी को तीन सदस्यीय एक कमेटी गठित कर इस मामले पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा था।
पांच एकड़ 17 कट्ठा जमीन का है मामला
बताते चलें कि उक्त लोकहित याचिका द्वारा कोर्ट को बताया कि दुजरा स्थित लगभग पांच एकड़ 17 कट्ठा में सरकारी भूमि, थाना नंबर 4 , प्लाट नंबर - 613 पर स्थित तालाब क्षेत्र पर गैरकानूनी रूप से स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमित कर लिया गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट से गुहार की थी कि स्थानीय लोगों द्वारा तालाब क्षेत्र में लगातार अतिक्रमण किये जाने से रोकने के लिए चहारदीवारी का निर्माण आवश्यक है। इस मामले पर एक सप्ताह बाद सुनवाई होगी। इसके पहले बिहार के डीजीपी एसके सिंघल से पटना हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कह दिया है।