बिहार विधानसभा में जब बीजेपी विधायक से बोले नीतीश, आप मंत्री रह चुके हैं, अब सवाल उठा रहे हैं
नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि जो लोग ये सवाल कर रहे हैं वो भी मंत्री रह चुके हैं वो लोग जरा ये बताएं कि उनके समय में क्या व्यवस्था थी और आज क्या है? जिन लोगों ने सवाल उठाया है वो सभी मंत्री रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना : सरकारी आयोजनों में स्थानीय विधायकों/विधानपार्षदों को नहीं बुलाये जाने की शिकायत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करारा जवाब देते हुए विधानसभा में कहा कि जो लोग ये सवाल कर रहे हैं वो भी मंत्री रह चुके हैं, वो लोग जरा ये बताएं कि उनके समय में क्या व्यवस्था थी और आज क्या है? जिन लोगों ने सवाल उठाया है, वो सभी मंत्री रहे हैं। हम इन लोगों से ही जानना चाहते हैं कि इनके मंत्री रहते समय क्या व्यवस्था थी? हमने बहुत पहले इसके निर्देश दे दिए थे, हम आपको याद करा दे रहे हैं। अगर कोई व्यवस्था बनी हुई थी, अगर उसकी अवहेलना हुई होगी, तो बताइयेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने बहुत पहले ही सभी विभाग को दिशा-निर्देश दे रखा है कि किसी भी सरकारी कार्यक्रमों में सभी स्थानीय विधायक, विधान पार्षद और सांसद को आमंत्रित किया जाए और उन्हें इसकी सूचना पहले ही दे दी जाए। जो उपस्थित होना चाहें उनका नाम भी शिलापट पर लिख दिया जाए। ये सब मेरा ही किया हुआ है, बहुत पहले।
बिना टेंडर शिलान्यास की दें सूचना
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हमने विभागों से यह भी कह रखा है कि बिना टेंड कराए और कार्यारंभ की व्यवस्था सुनिश्चित कराए कोई शिलान्यास नहीं कराएं। अगर किसी योजना को बिना टेंडर शिलान्यास कराया गया, तो उसकी सूचना दे दीजिएगा। अगर किसी विभाग ने ऐसा किया तो उससे जरूर पूछताछ की जाएगी। हमने स्पष्ट तौर पर हिदायत दे रखी है कि बिना टेंडर किसी योजना का शिलान्यास नहीं कराया जाए। मुख्यमंत्री ने सवालकर्ता भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा से कहा कि आप भी मंत्री रह चुके हैं और इस सवाल को उठा रहे हैं। सदन में नीतीश मिश्रा ने ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज से पूछा था कि सड़कों की जानकारी और बनने पर उद्घाटन की सूचना नहीं दी जाती है। सरकार को इसकी व्यवस्था तय करनी चाहिए ताकि विधायकों को सूचना मिल सके। मेरा हक है कि हम अपने क्षेत्र में हो रहे सड़क निर्माण की जानकारी लें।