बिहार में डेटोनेटर, राइफल, हैंड ग्रेनेड से क्या करने वाले थे नक्सली? एनआइए के लिए बना बड़ा सवाल
जहानाबाद-पटना में नक्सली परशुराम सिंह व गौतम सिंह के घर और बगीचे से बरामद हथियारों के जखीरे के मामले की जांच तेज कर दी है। इसी सिलसिले में एनआइए की टीम ने नक्सली परशुराम सिंह के बेटे गौतम सिंह को चार दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ की है।
राज्य ब्यूरो, पटना : राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) ने जहानाबाद और पटना में नक्सली परशुराम सिंह व गौतम सिंह के घर और बगीचे से बरामद हथियारों के जखीरे के मामले की जांच तेज कर दी है। इसी सिलसिले में एनआइए की टीम ने नक्सली परशुराम सिंह के बेटे गौतम सिंह को चार दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ की है।
एनआइए के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतनी बड़ी मात्रा में डेटोनेटर, राइफल, हैंड ग्रेनेड आदि जमा करने का मकसद क्या था? कहीं नक्सली संगठन हथियारों की तस्करी में तो शामिल नहीं? क्या वह आतंकी संगठनों को भी हथियार की आपूर्ति तो कर रहे? एनआइए ने गौतम सिंह से इससे जुड़े सवाल पूछे हैं। सूत्रों के अनुसार, गौतम ने आतंकी कनेक्शन की बात से इन्कार किया है, मगर हथियारों की तस्करी में उसकी संलिप्तता सामने आ रही है। गौतम से यह भी पूछताछ की गई है कि उसने अब तक किन-किन आपराधिक संगठनों को हथियारों की आपूर्ति की है।
एसटीएफ ने किया था पर्दाफाश
बिहार एसटीएफ ने इसी साल 31 मार्च को पटना जिले के दानापुर स्थित गजाधर चक में छापामारी कर नक्सलियों को हथियार आपूर्ति करने वाले गौतम सिंह को गिरफ्तार किया गया था। उसकी निशानदेही पर जहानाबाद जिले के कड़ौना ओपी क्षेत्र के बिस्टौल गांव में उसी दिन छापेमारी कर नक्सल परशुराम सिंह उर्फ नंदलाल को गिरफ्तार किया गया था। नंदलाल के गोदाम तथा बगीचा से भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ बरामद किया गया था। इसके बाद यह मामला एनआइए की विशेष कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। इस मामले में एनआइए ने आम्र्स एक्ट, विस्फोट अधिनियम, यूएपीए एक्ट समेत कई अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है। 31 जुलाई को कोर्ट ने गौतम सिंह की चार दिनों की रिमांड एनआइए को सौंपी थी। बता दें कि हाल ही में दरभंगा में हुई घटना के बाद एनआइए सक्रिय हो गई है।