बदलते मौसम से कमजोर हुई प्रतिरोधक क्षमता, कोरोना वायरस से बचने के लिए सावधानी जरूरी

कमरे में ठंड और बाहर गर्मी इस तापांतर से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। वहीं इस समय जो तापमान है वह वायरस और बैक्टीरिया के प्रजनन के अनुकूल है। इससे उनकी सक्रियता बढ़ जाती है।

By Edited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 06:00 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 07:06 AM (IST)
बदलते मौसम से कमजोर हुई प्रतिरोधक क्षमता, कोरोना वायरस से बचने के लिए सावधानी जरूरी
डॉ. राजीव कुमार सिंह, फिजियोलॉजी के विभागाध्यक्ष, पीएमसीएच।

पटना, जागरण संवाददाता। कमरे में ठंड और बाहर गर्मी, इस तापांतर से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। वहीं, इस समय जो तापमान है वह वायरस और बैक्टीरिया के प्रजनन के अनुकूल है। इससे उनकी सक्रियता बढ़ जाती है। इससे चिकनपॉक्स, मम्स, मीजल्स, मलेरिया, टायफाइड, पेट संबंधी गैस्ट्रोइंटाइटिस और फूड प्वायजनिंग की समस्याएं बढ़ती हैं। इसके अलावा एलर्जी संबंधी शिकायतें जैसे सर्दी-जुकाम व खांसी भी सामान्य है। जिन लोगों को पहले से दम फूलने या ब्रांकियल अस्थमा की शिकायत है, उनकी परेशानी और बढ़ जाती है। ये बातें दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हेलो डॉक्टर में फिजिशियन पीएमसीएच में फिजियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार सिंह ने रविवार को कहीं।

सवाल: पेट में गैस बहुत बन रही है। अंतू आनंद, जयप्रकाश नगर

जवाब: गैस से आराम के लिए मिर्च-मसाला कम खाएं। इसके अलावा घर में बना ताजा खाना खाएं। बाहर के और बासी खाने से परहेज करें।

सवाल: पेट में ऐंठन, भूख नहीं लगने के अलावा कब्ज की शिकायत रहती है। अरुण कुमार श्रीवास्तव पटना सिटी, जितेंद्र कुमार देव औरंगाबाद, अवधेश कुमार बाढ़ पटना

जवाब: मैदा जैसी चिकनी चीजों के बजाय मोटे अनाज से घर में बना ताजा-गर्म खाना खाएं। इसके अलावा योग व व्यायाम से काफी आराम होगा। बाहर का खाना या ठेले पर चाट-समोसा नहीं खाएं

सवाल: बीपी की दवा खाते हैं, फिर भी अनियंत्रित रहता है। सीताराम सिंह, महनार, वैशाली

जवाब: लंबी जिंदगी के लिए बीपी को नियंत्रित रखना जरूरी है। इसके लिए नमक और तेल-घी कम खाने के साथ योग-प्राणायाम और टहलने की आदत डालें। जो डॉक्टर देख रहे हैं, उन्हीं से दवा एडजस्ट कराएं।

सवाल: लंग फाइब्रोसिस से पीड़ित 82 वर्षीय पिता को सर्दी-खांसी के साथ पेट खराब है। मनोज कुमार सिंह, पटना

जवाब: उम्र के साथ शरीर से एंजाइम कुछ कम निकलने लगते हैं। इससे पाचन शक्ति प्रभावित होती है। घर में बना ताजा खाना कई बार निश्चित समय पर दें, नमक डाल कर सत्तू भी पी सकते हैं। इसके अलावा सर्दी-खांसी जुकाम व पेट गैस की दवाएं नजदीकी डॉक्टर के परामर्श से लें।

सवाल: सर्दी-खासी, बुखार, बदनदर्द है। धरमवीर कुमार बख्तियारपुर

जवाब: बुखार के साथ लिवो सेट्रेजिन पांच एमजी पांच दिन तक लें। नमक डाल कर गर्म पानी से गरारा करें, विक्स डाल कर भाप लें। इसके अलावा कोरोना को देखते हुए मास्क पहनें और भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें। इन्होंने भी किया फोन : उषा पांडेय आरपीएस मोड़ दानापुर, गोपाल कुमार लखीसराय, गौरी बाला अनीसाबाद, रमेश सिंह बेउर पटना, मेघनाथ राय गोलारोड पटना, रामनाथ कंकड़बाग, मिथिलेश कुमार सिन्हा चित्रगुप्त नगर पटना, रीमा कुमारी पटना, सरोज बिहारशरीफ, जयंत कुमार छपरा, सुरेश प्रसाद बक्सर।

स्वस्थ रहने को रखें ध्यान तापमान में उतार-चढ़ाव को देखते हुए पर्याप्त कपड़े पहने रहें। हाथों के साथ पूरे शरीर की साफ-सफाई का ख्याल रखें। घर में बना ताजा खाना खाएं और पर्याप्त मात्रा में शुद्ध जल पीएं। बाहर का खाना या चाट-गोलगप्पा आदि से परहेज करें। हर घंटे कम से कम एक गिलास पानी पीना जरूरी है। कोरोना अभी गया नहीं है इसलिए मास्क जरूर पहनें और भीड़ में जाने से बचें। बाहर से आने पर साबुन से हाथ-मुंह धोएं, बाहर होने पर हाथ सैनिटाइज करते रहें। रोग कितना भी सामान्य हो कोई भी अंग्रेजी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के मेडिकल स्टोर से लेकर नहीं खाएं। धूल अब ज्यादा उड़ेगी इसलिए धुएं के साथ इससे भी जरूर बचें।

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