बिहारः पानी आने के इंतजार में गिरी थी टंकी, अब इंजीनियर पर गाज; नीतीश की योजना का बुरा हाल

हर घर नल का जल योजना में नल से पानी के बदले स्टैंड के ऊपर रखी टंकी के गिरने की शिकायत पर एक सहायक अभियंता पर कार्रवाई हुई है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने खगड़िया के सहायक अभियंता कुंदन भार्गव के खिलाफ विभागीय कार्यवाही संचालित करने का फैसला किया है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 08:14 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 08:14 PM (IST)
बिहारः पानी आने के इंतजार में गिरी थी टंकी, अब इंजीनियर पर गाज; नीतीश की योजना का बुरा हाल
बिहार में हर घर नल का जल योजना में लापरवाही की शिकायतें लगातार मिल रही हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना: मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी हर घर नल का जल योजना में नल से पानी के बदले स्टैंड के ऊपर रखी टंकी के गिरने की शिकायत पर एक सहायक अभियंता पर कार्रवाई हुई है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने खगड़िया के सहायक अभियंता कुंदन कुमार भार्गव के खिलाफ विभागीय कार्यवाही संचालित करने का फैसला किया है। कार्यवाही के पहले की जांच में भार्गव को दोषी पाया गया है। विभाग के अधीक्षण अभियंता ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि टंकी गिरने की घटना लापरवाही की देन है। 

मालूम हो कि इस योजना में कई स्तर पर लापरवाही की शिकायत मिल रही है। मानक के अनुरूप पाइप का उपयोग न करने की शिकायत आम है। इधर टंकी गिरने की शिकायतें भी इफरात में मिलने लगी हैं। दिलचस्प यह है कि खगड़िया की घटना में कार्रवाई करने में विभाग को चार महीने लग गए।

जानें क्या हुआ था


खगड़िया जिला के अलौली प्रखंड में हरिपुर पंचायत है। इसके वार्ड संख्या 11 में पेयजल आपूर्ति के लिए स्टैंड (स्टेजिंग) के ऊपर रखी टंकी पानी भरने के बाद नीचे गिर गई। यह इस साल दो फरवरी की घटना है। टंकी गिरने के महीने भर बाद तीन मार्च को लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि 10 हजार लीटर क्षमता वाली पानी टंकी ठीक ढंग से नहीं रखी गई थी। ऐसी ही शिकायत जिले के शेरचकला पंचायत के वार्ड नम्बर नौ से भी मिली थी। दोनों जगह टंकी गिरने का एक ही कारण बताया गया। 

सूरत की है एजेंसी 


हरिपुर में नल जल योजना का ठेका मेसर्स टर्बो टेक इंफ्रानेट प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। यह सूरत की एजेंसी है। जबकि शेरचकला पंचायत का ठीका पटना की कंपनी मां वैष्णवी इंजीकान को दिया गया है। अधीक्षण अभियंता की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सहायक अभियंता ने यह नहीं देखा कि टंकी को स्टील स्टैंड पर नट बोल्ट ठीक से कस कर रखा गया है या नहीं। कार्यवाही के दायरे में आए सहायक अभियंता को अपना पक्ष रखने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है। 

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