पोर्टल पर अपलोड शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की निगरानी से होगी जांच, बिहार में शिक्षा विभाग का फैसला
शिक्षा विभाग के निर्णय से प्रमाण पत्रों को पोर्टल पर अपलोड करने वाले शिक्षकों में बेचैनी। अब तक सिर्फ 4187 शिक्षकों ने प्रमाण पत्रों को पोर्टल पर अपलोड नहीं किया। इन्हें चार-पांच दिन का मौका देकर होगी फिर बर्खास्तगी की कार्रवाई
पटना, राज्य ब्यूरो। शिक्षा विभाग (Education Department) के आदेश से पोर्टल पर जिन नियोजित शिक्षकों ने प्रमाण पत्रों को पोर्टल पर अपलोड किया है, उन प्रमाणपत्रों की निगरानी जांच होगी। चूंकि पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) के आदेश पर वर्ष 2006 से 2015 तक पंचायतीराज एवं नगर निकाय के नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की निगरानी जांच चल रही है। इसीलिए शिक्षा विभाग ने पोर्टल पर अपलोड किए गए प्रमाण पत्रों की निगरानी से जांच कराने का निर्णय (Vigilance will Check Certificates) लिया है। जो शिक्षक किसी कारणवश पोर्टल पर प्रमाण पत्रों को अपलोड नहीं कर पाए हैं उन शिक्षकों में बेचैनी और खलबली मची है।
4187 शिक्षकों ने प्रमाणपत्र नहीं किया अपलोड
प्राथमिक शिक्षा निदेशालय (Primary Education Directorate) से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले पांच साल से नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी निगरानी जांच चल रही है। 3 लाख 12 हजार 180 शिक्षकों में से 89,874 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों के नियोजन फोल्डर जांच के लिए निगरानी जांच टीम को नहीं मिली! तब संबंधित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को पोर्टल पर अपलोड करने कराने का फैसला लिया गया। मंगलवार की देर रात तक 85,687 शिक्षकों ने प्रमाण पत्रों को पोर्टल पर अपलोड कर दिया है। सिर्फ 4,187 शिक्षकों ने प्रमाणपत्रों को पोर्टल पर अपलोड नहीं किया है।
प्रमाणपत्र अपलोड नहीं करने वाले को तीन-चार दिनों का मौका
ऐसे शिक्षकों को चार-पांच दिनों का मौका दिया जाएगा ताकि पोर्टल पर प्रमाण पत्रों को अपलोड कर सकें। यदि इस अवधि में भी पोर्टल पर प्रमाण पत्रों को अपलोड नहीं किया जाएगा तो नियमानुसार सेवा समाप्ति यानी बर्खास्तगी की कार्रवाई होगी। हालांकि बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से पोर्टल पर शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को अपलोड करने के लिए तिथि बढ़ाने की मांग की गई है। अब देखना है कि इस मांग पर क्या निर्णय होता है। उससे पहले बीच निगरानी जांच की खबर से हड़कंप की स्थिति है।