पीएमसीएच में वेंटिलेटर को चाहिए यूपीएस की 'सांस'
कोरोना के इलाज को कितने तैयार हैं हमारे अस्पताल
नलिनी रंजन, पटना। कोरोना संक्रमण के दौर में अस्पतालों में एक-एक संसाधन महत्वपूर्ण है। दूसरी तरफ सिस्टम के संवेदनहीन रवैये से पीएमसीएच के स्टोर रूम में 15 वेंटिलेटर बेकार पड़े हैं। 10 वेंटिलेटर बेड पर लगे हैं, लेकिन इनके लिए बिजली जाने की स्थिति में यूपीएस बैकअप उपलब्ध नहीं है। यह स्थिति मरीज के लिए जानलेवा हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जुलाई के अंत में पीएमसीएच प्रशासन को 25 वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए थे। वेंटिलेटर को आइसीयू में स्थापित करने के लिए आइसीयू बेड के साथ ही मॉनिटर, ऑक्सीमीटर, बाइपैप, यूपीएस आदि उपकरणों की जरूरत होती है। बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएमएसआइसीएल) को ये उपकरण उपलब्ध कराने हैं। ये उपकरण पीएमसीएच को कब तक मिलेंगे, कोई बताने को तैयार नहीं है।
पीएमसीएच के कोरोना वार्ड में 100 बेड उपलब्ध हैं। इसमें 10 बेड का आइसीयू बनाया गया है। पीएमसीएच प्रशासन के अनुसार आइसीयू के सभी बेड पर वेंटिलेटर लगाया गया है। वेंटिलेटर और इससे जुड़े सभी उपकरण बिजली से चलते हैं। इन उपकरणों को दो-तीन मिनट भी बिजली नहीं मिले तो मरीज की मौत तक हो सकती है। इसके बावजूद किसी वेंटिलेटर के लिए यूपीएस (बैटरी) बैकअप का सपोर्ट नहीं दिया गया है। बिजली कटी और किसी वजह से जेनरेटर लाइन चालू करने में थोड़ी भी देर हो जाए तो मरीजों के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।
प्राचार्य बोले, जल्द दूर होगी कमियां
पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने बताया कि वर्तमान में संचालित 10 वेंटिलेटर के लिए तीन यूपीएस खरीदे जाएंगे। इसके लिए अधीक्षक को कहा गया है। इसके अतिरिक्त 15 और वेंटिलेटर लगाने के लिए बीएमएसआइसीएल से आइसीयू बेड, मॉनीटर, ऑक्सीमीटर व अन्य आवश्यक उपकरणों की आपूर्ति के लिए प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही इनका उपयोग शुरू हो जाएगा।