वसंत पंचमी 16 फरवरी को, विद्या की देवी मां सरस्‍वती की आराधना की तैयारी में जुटे पटना के लोग

Saraswati Puja Vasant Panchami इस साल रेवती नक्षत्र व रवियोग में 16 फरवरी को ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी से ही वसंत ऋतु की शुरूआत मानी जाती है। बसंत पंचमी पर ग्रह-गोचरों का शुभ संयोग बना है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 03:56 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 03:56 PM (IST)
वसंत पंचमी 16 फरवरी को, विद्या की देवी मां सरस्‍वती की आराधना की तैयारी में जुटे पटना के लोग
पटना में शुरू हुई सरस्‍वती पूजा की तैयारी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। Saraswati Puja in Patna: विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा माघ मास के शुक्लपक्ष पंचमी तिथि 16 फरवरी मंगलवार को होगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी से ही वसंत ऋतु की शुरूआत मानी जाती है। बसंत पंचमी पर ग्रह-गोचरों का शुभ संयोग बना है। ज्योतिष आचार्यो की मानें तो पंचमी के मौके पर रेवती नक्षत्र में अमृतसिद्धि योग, रवियोग में मां सरस्वती की पूजा होगी। 16 फरवरी को मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा करने के बाद बुधवार को प्रतिमा का विसर्जन होगा। बसंत पंचमी को श्री पंचमी, सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है।

वसंत पंचमी का दिन बच्‍चों के विद्यारंभ के लिए शुभ

पंचमी के दिन बच्चों को अक्षर अभ्यास या विद्या आरंभ भी कराया जाता है। ज्योतिष आचार्य के अनुसार बसंत पंचमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त लगभग छह घंटे का है। देश के अलग-अलग हिस्सों में मुहूर्त के हिसाब से पूजा होगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां सरस्वती का जन्म ब्रह्मा के मुख से हुआ था। जब ब्रह्मा ने संसार की उत्पत्ति की तो पेड़-पौधे, जीव-जंतु सभी होने के बावजूद बहुत शांति थी। ऐसे में भगवान विष्णु की आग्रह पर भगवान ब्रह्मा ने माता सरस्वती की उत्पत्ति की।

सरस्वती की उत्पत्ति होने के बाद चारों ओर संगीत के स्वर सुनाई देने लगे। संसार में लोगों को ज्ञान की प्राप्ति होने लगी। विद्यार्थी, कलाकार आदि इस दिन मां की पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करने के साथ ज्ञान और भक्ति की कामना करते हैं। वहीं पंचमी के दिन से ही मौसम सुहाना होने लगता है। खेतों में गेंहू की बालियां खिलने लगती है। विद्यार्थी इस दिन मां सरस्वती की प्रतिमा पीले कपड़े पर स्थापित कर विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना करते हैं।

पूजा मुहूर्त:

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:41 बजे से 12:26 बजे तक

गुली काल मुहूर्त : 12:04 बजे से 01: 28 बजे तक

शुभ योग मुहूर्त: प्रात 06:24 बजे से पूरे दिन (राहुकाल निषेध)

chat bot
आपका साथी