जौनपुर में बोले बिहार के मंत्री मुकेश सहनी- यूपी में निषाद 16 फीसद, फिर भी हो रहा दोयम दर्जे का बर्ताव

राज्य के पशु संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने कहा है कि निषाद समाज को अपनी वोट की ताकत पहचाननी होगी। यूपी में 16 फीसद से अधिक आबादी होने के बाद भी निषाद समाज के साथ दोयम दर्जे का बर्ताव किया जा रहा है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 09:28 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 09:28 PM (IST)
जौनपुर में बोले बिहार के मंत्री मुकेश सहनी- यूपी में निषाद 16 फीसद, फिर भी हो रहा दोयम दर्जे का बर्ताव
विकासशील इनसान पार्टी (वीआइपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना : विकासशील इनसान पार्टी (वीआइपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्य के पशु संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने कहा है कि निषाद समाज को अपनी वोट की ताकत पहचाननी होगी। यूपी में 16 फीसद से अधिक आबादी होने के बाद भी निषाद समाज के साथ दोयम दर्जे का बर्ताव किया जा रहा है। सहनी बुधवार को जौनपुर के बीआरपी कालेज में निषाद चेतना रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि निषाद समाज को राजपाट दिलाने का झूठा सपना दिखाकर एक नेता अपने परिवार के हित साधने में जुटा है। निषादों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहा है। जिसकी पार्टी का रजिस्ट्रेशन व चुनाव चिह्न नहीं, वह सरकार बनाने का दावा कर रहा है।

सहनी ने कहा कि वीआइपी का उदय 2018 में निषाद आरक्षण आंदोलन से हुआ। जिसका मुख्य उद्देश्य निषाद समाज की जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण व उनका अधिकार दिलाना है। उनकी पार्टी के आज चार विधायक हैं। जितना महत्व 74 विधायक का है उतना ही चार विधायक का है। उन्होंने कहा कि हमें चंदा व निषाद राज की आरती का पैसा नहीं, निषाद समुदाय का तन-मन से सहयोग चाहिए।

यूपी सरकार निषाद समाज के साथ कर रही वादाखिलाफी

वीआइपी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी लौटन राम निषाद ने कहा कि यूपी सरकार निषाद समाज के साथ वादाखिलाफी व राजनीतिक अन्याय कर रही है। पार्टी प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व यूपी सरकार ने वादा पूरा नहीं किया तो श्रीराम-निषादराज की मित्रता के नाम पर निषाद समाज किसी बहकावे में नहीं आएगा। सहनी ने कहा कि पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उड़ीसा में निषाद जातियों को अनूसूचित जाति का आरक्षण मिलता है तो उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड के निषाद, मल्लाह, केवट, बिंद, गोडिया आदि को क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि कोई राम को मानता है तो कोई रहीम को, हम वीरांगना फूलन देवी को मानते हैं।

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