बिहार में बदले राजनीतिक समीकरणों पर उपेंद्र कुशवाहा ने कही बड़ी बात, चुनाव पर भी दिया बयान
Bihar Politics बिहार में विधानसभा की दो सीटों के उपचुनाव ने सियासी उथल-पुथल मचा दी है। कांग्रेस और राजद के बीच बिगड़ते रिश्ते से भाजपा और जदयू के नेता पूरी तरह बेफिक्र नहीं हैं। पूरे घटनाक्रम पर हर दल की पैनी नजर है।
पटना, जागरण टीम। Bihar Politics: बिहार में विधानसभा की दो सीटों के उपचुनाव ने सियासी उथल-पुथल मचा दी है। कांग्रेस और राजद के बीच बिगड़ते रिश्ते से भाजपा और जदयू के नेता पूरी तरह बेफिक्र नहीं हैं। पूरे घटनाक्रम पर हर दल की पैनी नजर है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ कर और राजद की धर्म निरपेक्षता के दावे पर सवाल उठाकर नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। ऐसे माहौल में कुशेश्वर स्थान और तारापुर के वोटर भी कंफ्यूज होने लगे हैं। सियासी माहौल की गर्माहट के बीच भाजपा और जदयू के नेता क्या कह रहे हैं, ये जानना भी दिलचस्प है। जदयू की ओर से उपेंद्र कुशवाहा व भाजपा की ओर से प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन सिंह और सुशील मोदी ने अहम बयान दिया है।
उपेंद्र कुशवाहा बोले- राजद और कांग्रेस में मिलीभगत
जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को शेखपुरा में कहा कि राजद और कांग्रेस अलग रहें या साथ इससे एनडीए की सेहत पर असर नहीं पड़ने वाला। उप चुनाव में राजद- कांग्रेस, भीतर से मिले हुए हैं। पटना से तारापुर जाने के क्रम में शनिवार की शाम वे शेखपुरा में थोड़ी देर रुके थे। कुशवाहा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने राजद को परोक्ष रूप से मदद करने के लिए दोनों ने उपचुनाव में अपना उम्मीदवार उतारा है। जबकि तारापुर तथा कुशेश्वरस्थान दोनों सीटों पर एनडीए की जीत पक्की है। हम जीत के अंतर को बढ़ाने के लिए मेहनत कर रहे हैं।
कांग्रेस-राजद में चुनावी तलाक, परिणाम के बाद फिर होगा निकाह : राजीव
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा है कि कांग्रेस-राजद में चल रही उठापटक जनता की आंखों में धूल झोंकने की एक और कोशिश है। दोनों पार्टियां आपसी झगड़े का दिखावा कर रही है। इनका अलगाव वास्तव में चुनावी तलाक है और परिणाम आने के बाद दोनों दलों का फिर से निकाह हो जाएगा। उन्होंने कहा कि राजद-कांग्रेस का साथ रहना दोनों के लिए मजबूरी का सबब बन चुका है। कांग्रेस जानती है कि बिना राजद का साथ लिए उनके लिए बिहार में एक सीट जीतना भी कठिन है, उसी तरह राजद भी जानता है कि कांग्रेस के चरणों में माथा टेके बिना उनके लिए राष्ट्रीय राजनीति में आगे बढ़ना संभव नहीं है। राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने भी ऐसी ही बात कही है।