कोलेेजियम सिस्टम पर एक बार फिर उपेंद्र कुशवाहा ने दिया बड़ा बयान, बक्सर में कही यह बड़ी बात
जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने न्यायपालिका में कोलेजियम सिस्टम पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि बिना इसमें बदलाव किए गरीबों को उचित न्याय नहीं मिल सकता। वे बक्सर में अपने कार्यक्रम में पहुंचे थे।
पटना, आनलाइन डेस्क। जदयू संसदीय बोर्ड (JDU Parliamentary Board) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने कोलेजियम सिस्टम (Coliseum System) को लेकर एक बार फिर अपनी बात दोहराई है। उन्हाेंने कहा कि जब तक कोलेजियम सिस्टम लागू रहेगा, गरीबों को न्याय नहीं मिलेगा। कुशवाहा रविवार को बक्सर की यात्रा पर थे। कहा कि भारतीय संविधान के लिए सिस्टम कलंक की तरह है। इसलिए इसमें बदलाव होना चाहिए। यह बहुत जरूरी है।
गरीबों को कैसे मिल पाएगा न्याय
उन्होंने कहा कि आज की बात नहीं है। जब वे केंद्र सरकार में मंत्री थे, उस समय भी कोलेजियम सिस्टम के खिलाफ आवाज उठाते थे। आज भी उठा रहे हैं। उनकी मांग है कि जिस तरह से आइएएस-आइपीएस व अन्य पदों की बहाली खुले कंपिटीशन से होती है, उसी तरह हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की बहाली भी खुली प्रतियोगिता से होनी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता। पिछड़े और अतिपिछड़ों की कौन कहे, यहां तक कि सामान्य वर्ग का भी कोई बहुत मेधावी छात्र हो, और यदि वह चाहे कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में जज बने, तो भी वह नहीं बन सकता। वहां सिर्फ उत्तराधिकारी ही जज बन सकते हैं। चाचा-भतीजा, पिता-पुत्र ही जज बन रहे हैं। ऐसे में न्याय की बात कैसे की जा सकती है। उन्होंने कहा कि बिना इसमें बदलाव किए पूर्ण न्याय की बात बेमानी है।
कोरोना की तीसरी लहर की संभावना, सावधानी बरतें लोग
कुशवाहा ने यह भी कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से अभी हम लोग निकले हैं। अब तीसरी लहर की आशंका है। इसलिए लोग सावधानी बरतें। टीका लगवाएं। मास्क पहनें और शारीरिक दूरी पालन करें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य का सर्वांगीण विकास हो रहा है। एक प्रश्न के जवाब में कुशवाहा ने कहा कि विपक्षी दलों के कई विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यों से काफी प्रभावित हैं। वे हमारे संपर्क में हैं।