और दूल्‍हे ने कहा, मैं भारत के संविधान की शपथ लेता हूं कि...., पटना में अनोखे अंदाज में हुई शादी

पटना के पुनपुन प्रखंड में एक अनोखी शादी हुई है। इसमें वेद मंत्रों और सात फेरे की जगह वर-वधू ने भारतीय संंविधान की शपथ ली। बाबा साहेब और सावित्री बाई फुले के आदर्शों को आत्‍मसात करते हुए एक-दूसरे को अपनाया।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 04:03 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 04:03 PM (IST)
और दूल्‍हे ने कहा, मैं भारत के संविधान की शपथ लेता हूं कि...., पटना में अनोखे अंदाज में हुई शादी
वधू को संविधान की शपथ दिलाते विधायक। जागरण

पटना, संवाद सूत्र। न पंडित, न वेद मंत्र और न सात फेरे और हो गई शादी। चौंक गए न, लेकिन यह अनोखी शादी हुई है राजधानी के ही एक इलाके में। इस शादी में वर-वधू ने संविधान (Indian Constitution) की शपथ ली। बाबा साहेब आंबेडकर (Dr. BR Ambedkar) एवं सावित्री बाई फुले के विचारों को आत्‍मसात किया। बौद्ध परंपरा से हुई यह शादी क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। वर-वधू को आशीर्वाद देकर विदा किया गया। 

विधायक ने संविधान की कापी थमा दिलाई शपथ 

अमूमन हिंदूओं में होने वाली शादियों में वेद मंत्रों गूंजते हैं। वर वधू सात फेरे लेते हैं। सात जन्‍मों तक साथ निभाने की शपथ लेते हैं। लेकिन राजधानी के पुनपुन में हुई एक शादी में ऐसा कुछ नहीं हुआ। यहां दिव्‍यांग युवक-युवती ने संविधान को साक्षी मानकर एक-दूसरे को जीवनसाथी बनाया। यह शादी हुई पुनपुन प्रखंड की केवड़ा पंंचायत के मुखिया सत्‍येंद्र दास की भतीजी कुमकुम कुमारी की। शादी में फुलवारीशरीफ के विधायक गोपाल रविदास ने वर-वधू को संविधान की कापी देकर शपथ दिलाई।  यह शादी क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। 

दिव्‍यांग वर-वधू को आशीर्वाद देने पहुंचे कई गणमान्‍य

कुमकुम की शादी रंजीत कुमार से हुई। रंजीत भी दिव्‍यांग हैं। इनकी शादी में न पंडित बुलाए गए और मंत्र गूंजा। न ही दूल्‍हा-दुल्‍हन ने सात फेरे लिए। उनकी शादी बौद्ध परंपरा से हुई है। दोनों ने मेहमानों व रिश्‍तदारों के सामने संविधान की शपथ ली।एक दूसरे को पति-पत्‍नी के रूप में स्‍वीकार किया। पंडित के रूप में एक तरह से विधायक ही थे जिन्‍होंने संविधान की प्रति देकर दोनों को शपथ दिलाई। बाबा साहेब और सावित्री बाई फुले के विचारों से उन्‍हें अवगत कराया। इस अनोखी शादी में पूर्व विधानसभा अध्‍यक्ष उदयनारायण चौधरी भी शामिल हुए और वर-वधू को आशीष दिया। लोगों ने कहा कि यह शादी एक मिसाल है। उनका कहना था कि शादियों में आडंबर से बचना चाहिए।  इस  मौके पर वैशाली से बौद्ध गुरु जी,  सामाजिक कार्यकर्ता राज कुमार, पुनपुन प्रखण्ड के मुखिया संघ के अध्यक्ष जयप्रकाश पासवान जी , पुनपुन प्रखण्ड के जनप्रतिनिधि गण एंव ग्रामीण उपस्थित हुए।

chat bot
आपका साथी