बिहार में बोले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, शाहीनबाग मामले पर सरकार बातचीत को तैयार
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सीएए किसी भी हिंदुस्तानी पर लागू नहीं होता है। हिंदुस्तान जितना हिंदुओं का है उतना ही मुसलमान का। वे शाहीन बाग पर भी बोले।
नालंदा, जेएनएन। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिहार के नालंदा में कहा कि नागरिकता संशोधन कानून किसी भी हिंदुस्तानी पर लागू नहीं होता है। हिंदुस्तान जितना हिंदुओं का है, उतना ही मुसलमानों का है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर शाहीनबाग में आंदोलन कर रहे लोगों को जो भ्रम हैं, उन्हें दूर करने के लिए सरकार बातचीत के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि इस आंदोलन के पीछे से आतंकवादी या अलगाववादी देश को कमजोर करने की कोशिश करेंगे, तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय कानून मंत्री नालंदा के परिसदन में सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जिला कार्यकारिणी के सदस्यों व कार्यकर्ताओं के साथ हुई बैठक के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सीएए किसी को तंग करने के ख्याल से नहीं लाया गया है। यह किसी हिंदुस्तानी पर लागू नहीं होता है, इसलिए इससे किसी को डरने की जरूरत नहीं है। इसे इसलिए लागू किया गया है, ताकि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के नाम पर प्रताडि़त होकर जो हिंदू, मुस्लिम, सिख व ईसाई भारत आ रहे हैं, उन्हें नागरिकता दी जा सके।
विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेंकने या अन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए गलत सूचनाएं प्रसारित कर बवाल करा रहे हैं। सरकार भ्रमित लोगों से बातचीत कर उनकी शंकाएं दूर करने को तैयार है। असल समस्या यह है कि सोए हुए को तो जगाया जा सकता है, पर जो सोने का नाटक कर रहा हो उसे नहीं। भारत तेरे टुकड़े होंगे कहने वाले यह समझ लें कि जनता को आलोचना या अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन उन्हें देश तोडऩे की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, उस समय राजस्थान और असम के दो कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों अशोक गहलोत और तरुण गोगोई ने अपने राज्य में नागरिकता संशोधन कानून लागू करने की मांग की थी। उस समय राष्ट्रीय जनता दल कांग्रेस के साथ थी। 2019 के आमचुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए के रिकॉर्ड सीटें जीतने के बाद से अलगाववादियों के विरोधी स्वर तेज हुए हैं। सीएए का विरोध राजनीतिक लाभ के लिए प्रायोजित और दुर्भावना से प्रेरित है। एनडीए सरकार ने लंबे अर्से से लंबित अनुच्छेद 370, राम मंदिर, नागरिकता संशोधन बिल को जिस प्रकार अमलीजामा पहनाया है, उससे घबरा कर विरोधी दल आमजन को भ्रमित कर अपने हित साधने का प्रयास कर रहे हैं।