पटना हाईकोर्ट की वेबसाइट हैक कर नौकरी के नाम पर ठगी में दो को चार साल की कैद
पटना उच्च न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट को हैक कर पटना सिविल कोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठगी करने के मामले में पटना सिविल कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विजय किशोर सिंह की अदालत ने दो अभियुक्तों को चार-चार साल की कैद की सजा सुनाई है।
न्यायालय संवाददाता, पटना : पटना उच्च न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट को हैक कर पटना सिविल कोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठगी करने के मामले में पटना सिविल कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विजय किशोर सिंह की अदालत ने दो अभियुक्तों को चार-चार साल की कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों अभियुक्तों पर 38-38 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है।
मामला साल 2017 का है। अभियुक्त राजीव नगर निवासी रविनेश सिन्हा उर्फ रविनेश कुमार सिन्हा तथा भोजपुर जिले के मकोड़ा थाना क्षेत्र निवासी ओंकारनाथ हैं। एक अन्य आरोपित राज सिंह ट्रायल कोर्ट के द्वारा पूछताछ के दौरान फरार हो गया था। जिला अभियोजन पदाधिकारी धीरेंद्र प्रसाद सिन्हा ने बताया कि अभियुक्तों ने पटना उच्च न्यायालय की आफिशियल वेबसाइट को हैक कर उसकी मिरर कापी बना ली।
यह भी जानें
- राजीव नगर का रविनेश व भोजपुर के ओंकारनाथ पर लाखों रुपये ठगने का आरोप, एक अन्य राज पूछताछ के दौरान फरार
- कोर्ट के सीनियर प्रोग्रामर ने 14 नवंबर 2017 को कोतवाली में दर्ज कराया था मामला
चपरासी की बहाली के नाम पर कई लोगों से ठगी
इसके बाद अभियुक्तों ने पटना उच्च न्यायालय का जाली दस्तावेज देकर पटना सिविल कोर्ट में चपरासी की बहाली के नाम पर कई लोगों से ठगी कर ली। अभियुक्तों ने बहाली के लिए चार लाख पचास हजार रुपये तय कर रखा था। पीडि़तों को जब सिविल कोर्ट से जानकारी मिली कि योगदान पत्र नकली है तब सूचना पटना उच्च न्यायालय को दी। पटना उच्च न्यायालय के कंप्यूटर विभाग के सीनियर प्रोग्रामर के पद पर कार्यरत नितेश कुमार ने इस मामले में कोतवाली थाना में 14 नवंबर 2017 को कांड दर्ज कराया। इसी आधार पर पुलिस ने आरोपितों को गोपनीय ढंग से पटना उच्च न्यायालय परिसर में बुलाया। पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को पटना उच्च न्यायालय परिसर में ही गिरफ्तार कर लिया था।