जाति आधारित जनगणना को लेकर अलग ध्रुप पर खड़े बिहार सरकार के दो घटक दल, बीजेपी ने साधी चुप्पी
जाति आधारित जनगणना को लेकर प्रदेश सरकार के दो घटक दल अलग-अलग ध्रुव पर खड़े हैं। जदयू पक्ष में है जबकि भाजपा के शीर्ष नेताओं ने चुप्पी साध रखी है। मुख्यमंत्री का बयान आने के बाद इस मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर राज्यसभा सदस्य तक मौन हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना : जाति आधारित जनगणना को लेकर प्रदेश सरकार के दो घटक दल अलग-अलग ध्रुव पर खड़े हैं। जदयू पक्ष में है, जबकि भाजपा के शीर्ष नेताओं ने चुप्पी साध रखी है। शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति आधारित जनगणना पर केंद्र को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का प्रस्ताव दिया है। मुख्यमंत्री का बयान आने के बाद इस मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर राज्यसभा सदस्य तक मौन हैं।
इस मामले में उन्हें कुछ नहीं कहनाः डा. संजय जायसवाल
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने जातीय जनगणना पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। सिर्फ इतना ही बोले कि इस मामले में उन्हें कुछ नहीं कहना। इसपर बोलने के लिए पार्टी के प्रवक्ताओं का अधिकृत किया गया है। जो कुछ भी कहना है, प्रवक्ता ही कहेंगे।
सुशील कुमार मोदी की बिहार बीजेपी अध्यक्ष जैसी राय
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी का भी तकरीबन ऐसा ही जवाब था। प्रदेश के दो उप मुख्यमंत्री भी उपलब्ध नहीं हो सके। तारकिशोर प्रसाद का मोबाइल बंद मिला, जबकि रेणु देवी से बात करने की कोशिश में उधर से जवाब मिला कि डिप्टी सीएम पूर्णिया में प्रदेश अध्यक्ष की बैठक में हैं। अभी बात संभव नहीं।
कई सिद्धांत और विचारधारा एक समान नहींः जदयू
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने भी पल्ला झाड़ लिया। एक अन्य प्रदेश प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि जिस देश में विपक्ष जातीय उन्माद फैलाकर अपनी राजनीति करता है, वहां जातिगत जनगणना ठीक नहीं। देश की मोदी सरकार लोगों को जाति में ना बांटकर समान रूप से सबके विकास की पक्षधर है। सिंह ने कहा कि जदयू और भाजपा एनडीए के सहयोगी हैं। हम साथ मिलकर राज्य और राज्य के नागरिकों के विकास के लिए कटिबद्ध हैं। परंतु हमारे कई सिद्धांत और विचारधारा एक समान नहीं।