पटना के दो बाल विज्ञानियों ने रद्दी कागज से बनाई बिजली, विज्ञान कांग्रेस में मिला 10वां स्‍थान

पटना के बाल विज्ञानियों ने देश की प्रगति का नया रास्ता दिखाया है बाल विज्ञानियों की खोज रद्दी कागज से बिजली उत्पादन प्रोजेक्ट में बल्ब जलते ही खिल उठे बाल विज्ञानियों व अन्य के चेहरे पर्यावरण संरक्षण में मिलेगी मदद रद्दी कागज से खाद भी बनेगी

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 08:56 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 08:57 AM (IST)
पटना के दो बाल विज्ञानियों ने रद्दी कागज से बनाई बिजली, विज्ञान कांग्रेस में मिला 10वां स्‍थान
पटना के दो बच्‍चों ने रद्दी से बनाकर दिखाई बिजली। जागरण

पटना [नीरज कुमार]। पटना के बाल विज्ञानियों ने देश की प्रगति का नया रास्ता दिखाया है। रद्दी कागज से बिजली बनाने का प्रोजेक्ट बनाया है। मात्र 200 ग्राम रद्दी से 2.5 वोल्ट का एलईडी बल्ब जलाकर बच्चों ने सबको चकित कर दिया है। इस प्रोजेक्ट को पिछले दिनों पटना में सम्पन्न राज्य की विज्ञान कांग्रेस में दसवां स्थान मिला है। प्रोजेक्ट को भारत सरकार से मान्यता मिली तो घरों में लोग अपने उपयोग के लिए बिजली बना सकते हैं।  

प्रोजेक्ट तैयार करने वाले छात्र आनंद मोहन व आनंद राज हैं। दोनों ने बताया, यह विचार उनके दिमाग में तब आया, जब वे कागज बनने की संरचना का अध्ययन कर रहे थे। दोनों यहां एक निजी स्कूल के छात्र हैं। स्कूल ने प्रोजेक्ट को विज्ञान कांग्रेस में भेजा था। बताया गया कि दोनों छात्र इसपर एक वर्ष से काम कर रहे थे। प्रोजेक्ट के गाइड व स्कूल के विज्ञान शिक्षक एबी आनंद ने बताया, इसपर आगे भी काम किया जाएगा।

रद्दी से ऐसे बनेगी बिजली

प्लस टू के छात्र एवं बाल विज्ञानी आनंद मोहन और नौवीं के छात्र आनंद राज ने बताया, 200 ग्राम रद्दी कागज को 24 घंटे तक 300 ग्राम पानी में डुबोकर रखा जाता है। पानी में रद्दी कागज की प्रतिक्रिया को तेज करने के लिए आधा चम्मच ग्लूकोज मिलाया जाता है। पानी में कॉपर व जस्ते की एक-एक प्लेट भी डुबोकर रखी जाती है। पानी में होने वाली प्रतिक्रिया से दोनों प्लेटें सक्रिय हो जाती हैं। इसके बाद बिजली का उत्पादन शुरू होता है। एक मीटर बिजली के तार से एलईडी बल्ब को जोड़ दिया जाता है। तार जुड़ते ही बल्ब जल उठता है। रद्दी कागज को तीन माह बाद निकालकर उससे जैविक खाद भी बनाई जा सकती है।

राज्य सरकार भी करेगी प्रोत्साहित

विज्ञान कांग्रेस आयोजित करने वाले साइंस फॉर सोसाइटी के अध्यक्ष प्रो. अरुण कुमार ने कहा, प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए दिल्ली भेजा जाएगा। राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने प्रोजेक्ट को प्रोत्साहित करने की घोषणा की है। विभाग के सचिव ने विज्ञान कांग्रेस में दस बेहतर प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति देने की घोषणा की है। उसमें यह प्रोजेक्ट भी शामिल है।

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