Bihar Crime: बिहार के दो निलंबित IPS अधिकारियों की मुश्किलें और बढ़ीं, गृह विभाग ने जारी किया बड़ा आदेश

Bihar Crime अवैध बालू खनन एवं आय से अधिक संपत्ति के मामलों में निलंबित बिहार के दो आइपीएस अफसरों की मुश्किलें और बढ़ गईं हैं। बिहार के गृह विभाग ने दोनों की निलं‍बन अवधि एक साल तक के लिए बढ़ा दी है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 05:25 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 12:17 PM (IST)
Bihar Crime: बिहार के दो निलंबित IPS अधिकारियों की मुश्किलें और बढ़ीं, गृह विभाग ने जारी किया बड़ा आदेश
निलंबित आइपीएस अफसर राकेश कुमार दुबे और सुधीर कुमार पोरिका। फाइल फोटो

पटना, आनलाइन डेस्‍क। Bihar Crime बालू के अवैध खनन (Illegal Sand Mining) करने वालों से सांठगांठ और आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Income) के मामलों में निलंबित किए गए दो आइपीएस अफसरों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। भोजपुर के पूर्व एसपी राकेश कुमार दुबे (Suspended SP Rakesh Kr Dubey) और औरंगाबाद के निलंबित एसपी सुधीर कुमार पोरिका (Ex Sp Sudhir Kumar Porika) की निलं‍बन अवधि अगले साल तक के लिए बढ़ा दी गई है। बिहार सरकार के गृह विभाग की ओर इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। दोनों अधिकारियों के लिए 20 सितंबर को अलग-अलग नोटिफिकेशन जारी किया गया है।

22 जनवरी 2022 तक बढ़ाई गई निलंबन अवधि

गृह विभाग के ज्ञापांक 7268 एवं 7269 में कहा गया है कि बालू माफिया (Sand Mafia) से कनेक्‍शन और आय से अधिक संपत्ति मामले में सस्‍पेंड किए गए आइपीएस अधिकारी राकेश कुमार दुबे और सुधीर कुमार पोरिका की निलंबन अवधि 22 जनवरी 2022 तक बढ़ा दी गई है। बालू के अवैध खनन, भंडारण एवं परिवहन में अपने दायित्‍वों का निर्वहन नहीं करने, इसमें शामिल माफिया की मदद, अधीनस्‍थ अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं होने को देखते हुए नवप्रोन्‍नत आइपीएस राकेश कुमार दबे और 2010 बैच के अधिकारी सुधीर कुमार पोरिका को 39 जुलाई से 24 सितंबर तक के लिए निलंबित किया गया था।

विभाग के सवालों का नहीं दिए थे जवाब 

इन अधिकारियों से विभाग की ओर से मांगे गए सवालों का जवाब तक नहीं दिया। ऐसे में दोनों की निलंबन अवधि 120 दिनों के लिए और बढ़ा दी गई है। इस अवधि में इन्‍हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्‍ता दिया जाएगा। मालूम हो कि भाेजपुर के तत्‍कालीन पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार दुबे के कई ठिकानों पर गुरुवार को आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम ने छापेमारी की थी। पटना समेत झारखंड के ठिकानों पर उन्‍होंने छापेमारी की थी। इसमें करोड़ों की चल-अचल संपत्ति का पता चला था।

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