श्रीलंका के इंजेक्‍शन से पटना एम्‍स में हो रहा ब्‍लैक फंगस के मरीजों का उपचार, मंगाए गए 21 सौ वायल

ब्‍लैक फंगस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। गुरुवार को दस मरीज पटना एम्‍स और आइजीआइएमएस में भर्ती कराए गए। इनके लिए जरूरी एम्‍फोटेरेसिन बी इंजेक्‍शन की आपूर्ति करीब पांच दिनों से नहीं हुई है। ऐसे में पटना एम्‍स ने अपने स्‍तर से श्रीलंका से इंजेक्‍शन मंगवाया है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 09:23 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 09:23 AM (IST)
श्रीलंका के इंजेक्‍शन से पटना एम्‍स में हो रहा ब्‍लैक फंगस के मरीजों का उपचार, मंगाए गए 21 सौ वायल
श्रीलंका से मंगवाया गया 21 सौ वायल इंजेक्‍शन। प्रतीकात्‍मक फोटो

पटना, जागरण संवाददाता। कोरोना की लहर एक ओर थमती जा रही है तो राज्‍य में ब्‍लैक फंगस (Black Fungus) के मामले बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन ब्‍लैक फंगस के लिए जरूरी एम्‍फोटेरेसिन बी इंजेक्‍शन नहीं मिल रहा। इस कारण उपचार में असुविधा हो रही है। ऐसे में अस्‍पताल प्रबंधन अपने स्‍तर से इंजेक्‍शन मंगवा रहा है। पटना एम्‍स में श्रीलंका से इंजेक्‍शन की खेप मंगवाई गई है। मालूम हो कि पटना में गुरुवार को इसके 10 मामले सामने आए। इनमें से तीन एम्‍स में और सात आइजीआइएमएस में भर्ती कराए गए। एम्‍स में अब तक 173 जबकि आइजीआइएमएस में 134 मरीज भर्ती हो चुके हैं। आइजीआइएमएस में दो मरीजों की मौत गुरुवार को हो गई है। 

श्रीलंका और चंडीगढ़ से मंगाए जा रहे इंजेक्‍शन 

लगातार पांचवें दिन AIIMS और IGIMS में भर्ती मरीजों को एम्‍फोटेरेसिन बी इंजेक्‍शन नहीं मिल सका। एम्‍स को अपने स्‍तर से खरीद की अनुमति दी गई थी। इसके बाद देश-विदेश की आधा दर्जन कंपनियों को परचेज ऑर्डर दिया गया था। एम्‍स के नोडल आफिसर डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि फिलहाल श्रीलंका से 21 सौ वायल इंंजेक्‍शन पहुंच चुका है। अन्‍य जगहों से भी जल्‍द मिलने की उम्‍मीद है। उन्‍होंने बताया कि भर्ती मरीजों को यह मुफ्त दिया जाएगा। 

गुरुवार को पटना पहुंचा पांच सौ वायल 

इधर पटना की एडिशनल ड्रग कंट्रोल (ग्रामीण) कमला रानी ने बताया कि गुरुवार को पांच सौ वायल इंजेक्‍शन भेजा गया है। वह आज बांटा जाएगा। आज फिर एक हजार वायल आ रही है। इसका अलॉटमेंट जल्‍द किया जाएगा। इधर जानकारी मिली है कि निजी अस्‍पताल में चंडीगढ़ से इंजेक्‍शन मंगाया जा रहा है। ताया जाता है एम्‍फोटेरेसिन बी इंजेक्‍शन नहीं मिलने की स्थिति में पेसाकोनाजोल टैबलेट दिया जाता है। लेकिन उसकी आपूर्ति भी ससमय नहीं हो पाती है। एक टैबलेट की कीमत पांच सौ के आसपास होती है। मरीज के लिए एक दिन में तीन टैबलेट जरूरी होती है। 

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