बिहार के बड़े अस्पतालों में आज से बाधित हो सकता है इलाज, जूनियर डाक्टरों ने तेज किया विरोध
Bihar Hospitals Services Alert बिहार के बड़े अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था आज से प्रभावित हो सकती है। दरअसल जूनियर डाक्टरों ने ओपीडी सेवाओं को बाधित करने की रणनीति बनाई है। इसका असर पीएमसीएच एनएमसीएच जैसे अस्पतालों में पड़ सकता है।
पटना, जागरण संवाददाता। बिहार के बड़े अस्पतालों में चिकित्सा सेवा आज प्रभावित हो सकती है। जूनियर डाक्टर्स एसोसिएशन, बिहार ने मंगलवार को पीजी नीट-2021 की काउंसलिंग में देरी के विरोध में चल रहे फेडरेशन आफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) के ओपीडी कार्य बहिष्कार को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। बुधवार से पीएमसीएच, एनएमसीएच समेत सभी सरकारी मेडिकल कालेजों के जूनियर डाक्टर ओपीडी में सेवाएं नहीं देंगे। हालांकि, इमरजेंसी और सर्जरी कार्यों को बाधित नहीं किया जाएगा। यह जानकारी जूनियर डाक्टर्स एसोसिएशन बिहार के अध्यक्ष डा. कुंदन सुमन ने दी। उन्होंने कहा कि ओपीडी कार्य बहिष्कार की लिखित सूचना स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्राचार्यों व अधीक्षकों को दे दी गई है।
तीसरी लहर में डाक्टरों की कमी नहीं हो इसलिए विरोध
डा. कुंदन सुमन ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर जनवरी तक आने की आशंका है। पहली लहर में अस्पतालों में बेड कम पड़े, दूसरी में आक्सीजन संकट और तीसरे में डाक्टरों का संकट होगा। इसका कारण आरक्षण मामले को लेकर कोर्ट में मामला होने के कारण पीजी नीट 2021 की काउंसलिंग में देरी और जूनियर डाक्टरों का एडमिशन नहीं होने से देश में 40 हजार डाक्टरों की कमी है। इसके विरोध में रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के गत 27 नवंबर से जारी कार्य बहिष्कार को देशव्यापी समर्थन मिल रहा है। हमें विश्वास है कि न्यायालय और केंद्र सरकार जल्द सुनवाई खत्म कर नीट-पीजी काउंसलिंग व एडमिशन शुरू कराने की पहल करेंगे। मांगें पूरी होने तक कार्य बहिष्कार से मरीजों को होने वाली परेशानियों की जिम्मेदारी अधिकारियों पर होगी।
जूनियर डाक्टर आज से बंद कराएंगे ओपीडी
पीएमसीएच के प्राचार्य डा. विद्यापति चौधरी का कहना है कि जूनियर डाक्टरों ने अचानक शाम को ओपीडी कार्य बहिष्कार की लिखित जानकारी दी है। वरिष्ठ डाक्टरों को इससे अवगत कराते हुए ओपीडी को सुचारू रूप से चलाने को कहा गया है। कोशिश होगी कि मरीजों को उपचार में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो।