बिहार प्रशासनिक सेवा के सात अफसरों का तबादला, सभी को मिला एक ही विभाग; जानें किसको कहां पोस्टिंग मिली
बिहार प्रशासनिक सेवा के सात अधिकारी मंगलवार को स्थानांतरित कर दिए गए। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस आशय की अधिसूचना जारी की। तबादले वाली सूची में एडीएम और वरीय उप समाहर्ता रैंक के अधिकारी हैं। ज्यादातर अधिकारियों को लोक शिकायत निवारण विभाग में नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार प्रशासनिक सेवा के सात अधिकारी मंगलवार को स्थानांतरित कर दिए गए। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस आशय की अधिसूचना जारी की। तबादले वाली सूची में एडीएम और वरीय उप समाहर्ता रैंक के अधिकारी हैं। ज्यादातर अधिकारियों को लोक शिकायत निवारण विभाग में नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन अधिकारियों को तत्काल अपने नए कार्यस्थल पर योगदान करना होगा। गौरतलब है कि कोरोना काल में लोक शिकायत निवारण प्रणाली का कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अब सरकार ने साफ कर दिया है कि लोक शिकायत का निष्पादन अगर समय पर नहीं हो पाया तो इसके लिए किसी अधिकारी को फिलहाल दंडित नहीं किया जाएगा।
तबादले की सूची में शामिल हैं ये नाम
शिवहर के निदेशक, लेखा प्रशासन एवं स्वनियोजन शंभु कुमार को शिवहर में ही अपर समाहर्ता, लोक शिकायत निवारण बनाया गया है। अररिया में जिला योजना पदाधिकारी के रूप में तैनात विनोद कुमार को अररिया में ही अपर समाहर्ता, लोक शिकायत निवारण बनाया गया है। मधुबनी के जिला भू अर्जन अधिकारी मो. राजिक को अपर समाहर्ता, लोक शिकायत निवारण, मधुबनी के रूप में पदस्थापित किया गया है।
इन अफसरों का भी सरकार ने किया तबादला
जिला आपूर्ति पदाधिकारी, पश्चिम चंपारण, अनिल राय को अपर समाहर्ता, लोक शिकायत निवारण पश्चिम चंपारण बनाया गया है। पूर्वी चंपारण में वरीय उप समाहर्ता के रूप में तैनात राजकिशोर लाल को अपर समाहर्ता, लोक शिकायत निवारण, पूर्वी चंपारण की जिम्मेदारी दी गई है। जिला भू अर्जन पदाधिकारी, दरभंगा. अजय कुमार को अपर समाहर्ता, लोक शिकायत निवारण, दरभंगा बनाया गया है। किशनगंज के वरीय उप समाहर्ता, राहुल बर्मन को अपर समाहर्ता लोक शिकायत निवारण, किशनगंज बनाया गया है।
लोक शिकायत प्रणाली में समय पर निष्पादन करने की बाध्यता
लोक शिकायत निवारण प्रणाली में शिकायतों का समय पर निष्पादन करने की बाध्यता है। इसके लिए तिथि निर्धारित कर दोनों पक्षों की बात सुनते हुए सुनवाई की जाती है। कोरोना काल में यह प्रक्रिया पूरी तरह ठप पड़ गई है। इससे आम लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।