पीपा पुल खुलते ही पटना के गांधी सेतु पर बढ़ा वाहनों का दबाव, गहराने लगी जाम की समस्या
पटना को हाजीपुर सहित पूरे उत्तर बिहार से जोडऩे वाले भद्रघाट के पीपा पुल खोले जाने के बाद मंगलवार से सभी तरह के वाहनों का परिचालन महात्मा गांधी सेतु से शुरू हो गया। बिहार और पटना में बने दूसरे पीपा पुलों को भी खोला जा रहा है।
पटना सिटी, जागरण संवाददाता। पटना को हाजीपुर सहित पूरे उत्तर बिहार से जोडऩे वाले भद्रघाट के पीपा पुल खोले जाने के बाद मंगलवार से सभी तरह के वाहनों का परिचालन महात्मा गांधी सेतु से शुरू हो गया। बिहार और पटना में बने दूसरे पीपा पुलों को भी खोला जा रहा है। इस बीच पटना के महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी सिंगल लेन से वाहनों की आवाजाही आरंभ होने के कारण पूरे दिन गाडिय़ों की संख्या बढ़ी रही। ट्रक, बस से लेकर सभी तरह के वाहनों का दबाव बढऩे तथा बारिश के दौरान दोपहिया वाहनों के ओवरटेक करने से सेतु पर रह-रह कर जाम लगता रहा। सेतु पर तैनात पुलिसकर्मियों ने बताया कि बारिश में कई गाडिय़ां अलग-अलग समय पर खराब होकर रुकीं। इससे भी जाम की समस्या गहराती रही।
बारी-बारी से वाहनों को छोड़ने की व्यवस्था
पटना स्थित पाया संख्या 46 और हाजीपुर स्थित पाया संख्या एक से पहले मालवाहक वाहनों को रोक कर बारी-बारी से पश्चिमी लेन में छोड़ा गया। यातायात पुलिस अधिकारी ने बताया कि सेतु पर जाम की समस्या अब यूं ही जारी रहेगी। पूर्वी लेन का निर्माण कार्य पूरा होने और दोनों लेन से वाहनों की आवाजाही शुरू होने के बाद ही सेतु पर यातायात व्यवस्था बहाल हो सकेगी।
खोला गया पीपापुल, राघोपुर का जिला व राज्य से सड़क संपर्क भंग
वैशाली जिले के राघोपुर दियारा को राजधानी पटना से जोडऩे वाले पीपापुल को बुधवार की सुबह खोल दिया गया। पीपापुल खोलने के बाद राघोपुर प्रखंड के लोगों की परेशानी बढ़ गई। सुबह से ही प्रखंड के रुस्तमपुर एवं जेटली घाट से ओवरलोडेड नाव का परिचालन शुरू हो गया। खासकर उन हजारों लोगों के लिए जो रोजाना राघोपुर से पटना व उसके आसपास के क्षेत्रों में आते-जाते हैं उन्हें अब अगले 6 महीने तक नाव से ही गंगा नदी पार करना होगा।
15 जून को निर्धारित थी पुल खोलने की तिथि
प्राप्त जानकारी के अनुसार पुल निर्माण निगम ने पीपा पुल खोलने की तिथि 15 जून निर्धारित की थी। संवेदक के के स्तर पर बुधवार कि सुबह पीपापुल को खोल दिया गया। पीपापुल के खुलते ही गंगा नदी में चलने वाले नावों पर ओवरलोङ्क्षडग भी शुरू हो गई। अब अगले छह माह तो पटना तथा पटना होते हुए जिला मुख्यालय आने-जाने वाले लोगों को नाव के सहारे ही अपना सफर तय करना होगा।
हजारों की आबादी को छह महीने होगी मुश्किल
प्रखंड के अंचल, बीआरसी, ब्लॉक, विद्यालय, बैंक एवं जीविका कर्मी के अलावा दैनिक मजदूर, नौकरी-पेशा, फल-सब्जी, दूध विक्रेता, स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी होगी। साल के 6 महीने जब पीपापुल चालू रहता है तब लोगों को काफी सहूलियत होती है। पीपापुल खुल जाने के बाद एकमात्र साधन नाव बच जाता है। ऐसी स्थिति में नाव पर ओवरलोलिंग की समस्या बढ़ जाती है और नाविकों की मनमानी भी।