पांच दिन में वाराणसी से पटना पहुंचा ये जहाज, प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्‍ट की राह में कई बाधाएं

गंगा मार्ग से एक कंटेनर खाद लेकर गायघाट पहुंचा रवींद्रनाथ टैगोर गायघाट बंदरगाह से चार कंटेनर बिस्किट व खाद्य सामग्री लेकर कोलकाता के लिए होगा रवाना वाराणसी से राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या एक से 435 किलोमीटर की दूरी तय कर मालवाहक पहुंचा गायघाट

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Mon, 04 Jan 2021 12:33 PM (IST) Updated:Mon, 04 Jan 2021 12:33 PM (IST)
पांच दिन में वाराणसी से पटना पहुंचा ये जहाज, प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्‍ट की राह में कई बाधाएं
पटना पहुंचा शिप एमवी रविंद्रनाथ टैगोर। जागरण आर्काइव

पटना, जागरण ऑनलाइन डेस्‍क। गंगा नदी के रास्‍ते जल परिवहन को बढ़ावा देने सरकार की कोशिशें परवान नहीं चढ़ पा रही हैं। इसकी राह में कई मुश्किलें सामने आ रही हैं। पिछले पांच-सात सालों में गंगा के रास्‍ते माल ढुलाई और पर्यटक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए गए, लेकिन इनका नतीजा बहुत सुखद नहीं रहा। इसका ताजा उदाहरण वाराणसी से कोलकाता के लिए चला शिप एमवी रविंद्रनाथ टैगोर है। इस शिप को वाराणसी से पटना पहुंचने में ही पांच दिन लग गए। रविवार को यह शिप पूरे दिन पटना में ही खड़ा रहा। सोमवार को यानी आज इसे आगे के लिए रवाना करने की तैयारी है। अगर रोड ट्रांसपोर्ट की बात करें तो ट्रक वाले 24 घंटे में भी कम समय में वाराणसी से काेलकाता का सफर पूरा कर लेते हैं। रेल के जरिये यहीं दूरी 13 से 15 घंटे में ही तय की जा सकती है।

शनिवार की रात पटना पहुंचा 29 को चला जहाज

राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या एक से गंगा के रास्ते 29 दिसंबर को वाराणसी से चला मालवाहक जहाज रवींद्रनाथ टैगोर शनिवार की रात पटना के गायघाट स्थित बंदरगाह पहुंचा। मालवाहक जहाज रवींद्रनाथ टैगोर वाराणसी से एक कंटेनर खाद लेकर गायघाट पहुंचा है।

पटना से चार कंटेनर में बिस्‍कुट और खाद्य सामग्री जाएगी कोलकाता

एपसीलॉन लॉजिस्टिक एलएलपी के जोनल मैनेजर लवकेश कुमार ने रविवार को बताया कि सोमवार को कागजी प्रक्रिया के बाद मालवाहक जहाज रवींद्रनाथ टैगोर पर गायघाट में चार कंटेनर में बिस्किट तथा खाद्य सामग्री लोड कर कोलकाता के लिए रवाना किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 12 नवंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग से जुड़े इस राष्ट्रीय राजमार्ग के वाराणसी स्थित गंगा पर बना भारत का पहला मल्टीमॉडल टर्मिनल देश को समर्पित किया था।

एक घंटे में 15 से 20 किलोमीटर की दूरी तय करता है यह जहाज

इस जलमार्ग से नेपाल और बांग्लादेश जहाज पहुंच सकता है। इस जलपोत की लंबाई 54.6 मीटर तथा चौड़ाई 9.6 मीटर है। जोनल मैनेजर ने बताया कि जलपोत एक घंटे में 15 से 20 किलोमीटर की दूरी एक घंटे में तय कर सकता है। वाराणसी से हल्दिया के बीच की 1390 किलोमीटर की दूरी तय करने के दौरान लगभग 435 किलोमीटर की दूरी तय कर जहाज शनिवार की रात पहुंचा है।

पीपा पुल बन रहे शिप के मार्ग की प्रमुख बाधा

गंगा में जहां-तहां बने पीपा पुल इस शिप की राह में सबसे बड़ी बाधा बन रहे हैं। इन पीपा पुलों को खोलने के बाद ही जहाज आगे बढ़ पाता है। वाराणसी से पटना तक ही कम से कम सात जगह पीपा पुल गंगा में बने हुए हैं। इन पुलों को खोलने में ही तीन घंटे का वक्‍त लग जाता है। पुलों को खोलने का काम तब शुरू होता है, जब शिप वहां पहुंच जाता है। इस दौरान शिप को इंतजार करना पड़ता है। तकनीकी कारणों से रात को भी शिप का संचालन नहीं होता।

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