बिहार में स्‍वरोजगार का रास्‍ता खोलेगी नीतीश सरकार की यह पहल, अब माध्यमिक स्‍कूलों में लागू होगी व्यावसायिक शिक्षा

बिहार में मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार सरकार की स्‍वरोजगार के क्षेत्र में यह बड़ी पहल है। शिक्षा विभाग अब माध्यमिक स्‍कूलों में व्यावसायिक शिक्षा को अनिवार्य बनाने जा रही है। इसकी शुरुआत अगले साल से हो रही है। यह व्‍यवस्‍था उच्च शिक्षा तक लागू रहेगी।

By Amit AlokEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 07:10 PM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 07:10 PM (IST)
बिहार में स्‍वरोजगार का रास्‍ता खोलेगी नीतीश सरकार की यह पहल, अब माध्यमिक स्‍कूलों में लागू होगी व्यावसायिक शिक्षा
बिहार के स्‍कूलो में दी जाएगी रोजगारपरक शिक्षा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

पटना, स्‍टेट ब्यूरो। बिहार में मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की सरकार की यह पहल भविष्‍य में स्‍वरोजगार (Self Employment) का बड़ा माध्‍यम बनेगी। हम बात कर रहे हैं बिहार के माध्यमिक विद्यालयों (High Schools) में हर विद्यार्थी के लिए पढ़ाई के साथ-साथ व्‍यावसायिक शिक्षा देने की योजना की। सरकार अब बच्‍चों को हुनरमंद भी बनाएगी। इसकी शुरुआत अगले साल से होगी, जो उच्च शिक्षा तक जारी रहेगी। शिक्षा विभाग (Department of Education)  ने अगले पांच वर्षों के लिए व्यावसायिक शिक्षा (Vocational Education) का रोडमैप तैयार किया है। इसमें अगले पांच साल में 50 फीसद बच्चों को रोजगारपरक शिक्षा से जोड़ा जाएगा। अगले सत्र से रोडमैप पर अमल करने पर सहमति बनी है। इससे पहले इसे विद्यालय स्तर (School Level) पर लागू करने की तैयारी हो रही है।

व्यवसाय से जुड़ा कौशल सीखना अनिवार्य

शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New Education Policy) में व्यावसायिक शिक्षा संबंधी तय प्रावधानों का भी रोडमैप में ध्यान रखा गया है। प्रत्येक बच्चे के लिए कम से कम किसी एक व्यवसाय से जुड़े कौशल को सीखना अनिवार्य होगा। विद्यार्थी अपनी रुचि से एक से ज्यादा व्यवसायिक प्रशिक्षण ले सकता है। रोडमैप में व्यवसायिक शिक्षा को एकीकृत करने का भी प्रस्ताव तैयार किया गया है।

वोकेशनल एजुकेशन काउंसिल का गठन

माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों समेत उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए वोकेशनल एजुकेशन काउंसिल (Vocational Education Council) का गठन किया जाएगा, जो व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम का संचालन पर नजर रखेगा। मौजूदा समय में व्यवसायिक शिक्षा का जो ढांचा है, उनमें स्कूल और उच्च शिक्षा के बीच कोई लिंक नहीं है, यानी स्कूल में यदि कोई व्यवसायिक शिक्षा की पढ़ाई कर रहा है, तो वह उसे लेकर उच्च शिक्षा में भी पढ़ सके, इसका कोई सीधा रास्ता नहीं है। इसीलिए विद्यालयों से उच्च शिक्षण संस्थानों तक व्यावसायिक शिक्षा को निरंतरता रखने पर जोर दिया गया है।

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