आयुवेर्द के इन नुस्खे से भी बढ़ा सकते हैं रोग प्रतिरोधक क्षमता, परामर्श लेना हो तो ये है नंबर

राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि अस्पताल आने वाले लोगों को भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा दी जा रही है। जो लोग आयुर्वेद परामर्श लेना चाहते हैं वे प्रतिदिन शाम सात बजे से नौ बजे तक इस नंबर पर फोन कर सकते हैं।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 09:40 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 09:40 PM (IST)
आयुवेर्द के इन नुस्खे से भी बढ़ा सकते हैं रोग प्रतिरोधक क्षमता, परामर्श लेना हो तो ये है नंबर
आयुवेर्द के इन नुस्खों से बढ़ा सकते इम्‍यूनिटी, सांकेतिक तस्‍वीर।

पटना, जागरण संवाददाता। कोरोना से बचाव के लिए लोग आयुर्वेद दवाओं का भी खूब सहारा ले रहे हैं। इस कारण बाजार में गिलोय, च्यवनप्राश, अश्वगंधा सहित अन्य की मांग बढ़ गई है। आप बाजार में भीड़ भाड़ से बचना चाहते हैं तो घरेलू नुस्खे आजमा कर अपने और अपने परिवार के लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं। प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय बताए गए हैं। इन्हें अपनाकर आप कोरोना संक्रमण से अपने आपको बचा सकते हैं।

राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. दिनेश्वर प्रसाद की मानें तो अस्पताल आने वाले लोगों को भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा दी जा रही है। इसके सेवन से संक्रमण से बच सकते हैं।

आयुर्वेदिक उपाय  

आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य की मानें तो घरेलू खाद्य सामग्री का प्रयोग कर अपने आपको संक्रमण से मुक्त रख सकते हैं। इसके लिए आपको नियम और विधि से काम करना होगा।

-दिन में गरम पानी का अधिक से अधिक सेवन करें।

-प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक योगासन, प्राणायाम और ध्यान करें।

-सुबह और शाम को नाक में सरसों, नारियल तेल लगाएं।

-खांसी या गले में खराश होने पर घर में रखे लौंग को चूर्ण बनाकर गुड़ या शहद मिलाकर दिन में दो से तीन बार सेवन करें।

-तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सूखी अदरक व मुनक्का से बनी हर्बल टी व काढ़ा का प्रयोग दिन में एक या दो बार करें।

- रात को सोने से पूर्व हल्के गर्म दूध में हल्दी पाउडर एक चुटकी में डाल सेवन करें।

केरल की तर्ज पर हो यहां भी चिकित्सा  

कॉलेज के प्राचार्य की मानें तो कोरोना संक्रमण को देखते हुए केरल की सरकार ने एलोपैथ के अलावा होमियोपैथ व आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति पर भी जोर दिया है। ऐसे में बिहार में भी संक्रमण को देखते हुए इन पद्धति पर भी लोगों को भरोसा करना होगा। उन्होंने बताया कि प्राचीन समय से आयुर्वेद चिकित्सा हमारे जीवन का अंग रहा है। यह चिकित्सा पद्धति असाध्य रोगों के इलाज में अपनी भूमिका अदा करता रहा है। सरकार राज्य के आयुर्वेद कॉलेजों को विकसित करें तो हमारा राज्य भी आयुर्वेद के क्षेत्र में अग्रणी हो सकता है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ी है। पहले जहां ओपीडी में 100-150 मरीज आते थे वहीं आज इनकी संख्या 500-600 हो गई है।

परामर्श लेना है तो करें संपर्क

उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में जो लोग बीमारी से परामर्श लेना चाहते हैं वे प्रतिदिन शाम सात बजे से नौ बजे तक 9773960287 फोन के जरिए जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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