बड़े क्रेजी हैं पटना के ये चोर, सबसे पहले तलाशते हैं खाने की चीज; आमलेट खाने के बाद चावल-गेहूं तक ले जाते हैं
पटना के चोर बड़े क्रेजी हैं। चोरी जैसी वारदात को अंजाम देते वक्त भी खाने-पीने का मौका नहीं चूकते। राजीवनगर थानाक्षेत्र में चोरों ने कुछ ऐसा ही किया। यहां चोरी के मकसद से घर में घुसे चोरों ने कोई हड़बड़ी नहीं दिखाई।
पटना, जागरण संवाददाता। पटना के चोर बड़े क्रेजी हैं। चोरी जैसी वारदात को अंजाम देते वक्त भी खाने-पीने का मौका नहीं चूकते। राजीवनगर थानाक्षेत्र में चोरों ने कुछ ऐसा ही किया। यहां चोरी के मकसद से घर में घुसे चोरों ने कोई हड़बड़ी नहीं दिखाई। वह भी तब, जब घर में घर का मालिक भी मौजूद था। चोरों ने सामान तो चुराए ही, इस दौरान किचन में भी अच्छा-खासा वक्त गुजरा। खाने-पीने की चीजें तलाशी। अंडा मिला तो आमलेट बनाया और खाया। इसके बाद ही घर से बाहर निकले। जाते-जाते आटा और चावल तक लेकर गए। यह पूरा वाकया राजीव नगर थाना क्षेत्र के रोड नंबर चार में शनिवार की रात हुआ। हालांकि पटना में चोरों की मौज और खाने-पीने की शौक की यह पहली खबर नहीं है। ऐसी घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं।
कीमती कपड़े, घड़ी और नकद सहित 20 हजार की चोरी
शनिवार की देर रात चोरों ने पत्रकार अजय कुमार सिंह के घर को निशाना बनाते हुए कीमती कपड़े, घड़ी, नकद सहित करीब 20 हजार की संपत्ति चुरा ले गए। हैरानी की बात यह है कि चोर घर में घुसते ही जिस कमरे में अजय कुमार सो रहे थे उसे बाहर से लाक कर लिया। चोर किचन में गए और वहां आमलेट बनाकर खाये। करीब दो घंटे तक चोर किचन से लेकर अन्य कमरों को खंगाल डाले। कीमती सामनों के साथ ही बर्तन और किचन में रखे आटा-चावल तक को समेट ले गए। पीडि़त को इस बात की खबर तक हुई, जब सुबह नींद खुली और दरवाजा बाहर से बंद मिला। किसी तरह वह दरवाजा खोला गया। पीड़ित ने राजीव नगर थाने में इसकी लिखित शिकायत की है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
पुलिस बोली- बढ़िया ताला लगाया कीजिए
पीड़ित रोड नंबर चार में सुनील कुमार के मकान की पहली मंजिल पर रहते हैं। आफिस से रात करीब 11 बजे वह घर लौटे। वह रात करीब दो बजे तक जगे थे। फिर वह सोने चले गए। बताया जा रहा है कि चोर मास्टर की से तीनों कमरों का ताला खोले थे। पीड़ित की मानें तो चोर पहले पहली मंजिल पर आये। मास्टर की से बालकनी का ताला खोला गया। पीड़ित के मुताबिक पुलिस ने उनसे कहा कि ताला बढ़िया वाला लगाइए, जिसे चोर खोल न पाये। दो साल पूर्व भी इस मकान में चोरी हुई थी। केस भी दर्ज हुआ, लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई।