चट मंगनी...पट ब्याह पर बिहार विधान परिषद में उठा सवाल तो नवल किशोर ने दिया दिलचस्प जवाब
Bihar Politics सत्ता पक्ष की ओर से चुटकी लेते हुए नवल किशोर यादव ने कहा कि आजकल का बच्चा लोग के लिए चट मंगनी... पट ब्याह ही ठीक है। बाद में विधेयक पारित होने के बाद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि उन्हें तो बोलने का मौका ही नहीं मिला।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Deputy CM Tar Kishore Prasad) ने बिहार विनियोग विधेयक पेश किया। इस दौरान चर्चा की बात छिडऩे पर विपक्ष की ओर से रामचंद्र पूर्वे (Ramchandra Purve) ने कहा कि यह आज की कार्यसूची में नहीं था। यह चट मंगनी... पट ब्याह जैसा हो गया। इस पर सत्ता पक्ष की ओर से चुटकी लेते हुए नवल किशोर यादव (Naval Kishore Yadav) ने कहा कि आजकल का बच्चा लोग के लिए चट मंगनी... पट ब्याह ही ठीक है। बाद में विधेयक पारित होने के बाद प्रेमचंद मिश्रा (Premchand Mishra) ने कहा कि उन्हें तो बोलने का मौका ही नहीं मिला। इस पर सभापति ने बताया कि विपक्ष से तो पूछा ही गया था। रामचंद्र पूर्वे ने चर्चा में भाग भी लिया। अब तो विधेयक पास हो चुका है।
विपक्ष ने कहा, कोरोना पर श्वेत-पत्र जारी करे सरकार
बिहार विधान परिषद में शुक्रवार को राजद सदस्य रामचंद्र पूर्वे ने सरकार से कोरोना पर श्वेत-पत्र जारी करने की मांग की। बिहार विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान रामचंद्र पूर्वे ने कोरोना से कितने की मौत हुई, मरने वालों की श्रेणी क्या है, किस आयु-वर्ग के रहे, कहां मौत हुई अस्पताल में या अन्य जगह, मृत्यु का कारण क्या रहा, इन सारे बिंदुओं का श्वेतपत्र में जिक्र हो। इस पर परामर्श लिया जाए ताकि कोरोना से आगे की लड़ाई में मदद मिल सके।
सीआइडी की डीआइजी को दी गई जांच
बांका जिला अंतर्गत चानन थाना के बेलहर में इंडेन वितरक प्रोपराइटर निशा शालिनी और कैथा पंचायत के मुखिया चंदन कुमार के विरुद्ध दर्ज मुकदमों की जांच सीआइडी की डीआइजी गरिमा मलिक करेंगी। विधान परिषद के दूसरे सत्र में ध्यानाकर्षण के दौरान सदस्य संजय पासवान ने बांका जिले के ये दो मामलों उठाए थे। उन्होंने इसे राजनीतिक से प्रेरित बताया। सदस्य संजीव सिंह और गुलाम रसूल बलियावी ने भी इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने का समर्थन किया। इसके बाद प्रभारी गृह मंत्री के तौर पर सदन में मौजूद मंत्री विजेंद्र यादव ने सीआइडी की डीआइजी से इसकी जांच कराने की जानकारी सदन को दी।