पटना में कुएं में कूद कर युवक ने आत्महत्या नहीं की थी, हाथ-पैर बंधा देख पुलिस को था शक, ऐसे खुला राज
पटना के दीघा थाना क्षेत्र में एक कुएं से मिले शव की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। युवक नशे का आदी हो चुका था। उसके कारण परिवार के लोग परेशान थे। उसका शव कुएं में मिला तो प्रथम दृष्टया आत्महत्या प्रतीत हुई लेकिन मामला कुछ और ही था।
पटना, जागरण संवाददाता। दीघा के गेट नंबर 97 के पास कुएं से बरामद 22 वर्षीय बबन चौधरी की डूबने से नहीं, बल्कि रातभर हाथ-पैर बांधकर रखने से हुई थी। उसे कमरे में रातभर हाथ-पैर बांधकर रखा गया था। अगले दिन भोर में उसकी मौत हो गई। पुलिस को इस बात पर संदेह तब हुआ, जब कुएं से बबन की लाश निकाली गई। उसका पैर और हाथ पीछे से बंधा हुआ था। पुलिस संदेह के आधार पर उसके बड़े भाई अरविंद कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। दीघा थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि पूछताछ में उसने बताया कि बबन के बुरे बर्ताव से सब लोग तंग आ गए थे। स्मैक का सेवन करने लगा था और समझाने पर भी सुधरने का नाम नहीं ले रहा था। इस वजह से हाथ-पैर बांधकर उसे कमरे में रखा गया था, लेकिन भोर में उसकी मौत हो गई। फिर उसने शव को कुएं में फेंक दिया। हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर आरोपित अरविंद को जेल भेज दिया गया।
पूर्व में भी उसे कमरे में किया गया था बंद
अरविंद कुमार का घर गेट नंबर 95 के पास है। उसके पिता छोटे-मोटे काम करके परिवार का भरण-पोषण करते है। अरविंद और बबन दो भाई हैं। पुलिस की पूछताछ में अरविंद ने बताया कि स्मैक का सेवन करने से वह मानसिक रूप से बीमार हो गया था। गाली-गलौज करने लगता था। पूर्व में भी उसे डांट-फटकार लगाई जाती थी, लेकिन उसके स्वभाव में कोई बदलाव नहीं हो रहा था। समझाने पर असर नहीं होने पर उसे कमरे में बंद कर दिया जाता था। बुधवार की रात 11 बजे अरविंद उसके हाथ को पीछे से बांध दिया और पैर भी बांध दिया। उसे कमरे में उसी हालत में छोड़ दिया था।
पास में है कुआं, बिना रस्सी खोले फेंक दिया शव
भोर में जब अरविंद की नींद खुली तो देखा कि बबन फर्श पर अचेत पड़ा है। कई बार जगाने का प्रयास किया। तब पता चला कि उसकी मौत हो गई। बिना हाथ-पैर की रस्सी खोले उसका शव पास के कुएं में फेंक दिया। गुरुवार दोपहर में कुएं में शव स्थानीय लोग जुट गए। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। हाथ-पैर बंधा देख पुलिस को यकीन हो गया कि हत्या कर शव फेंका गया है।