राजगीर की वादियों में गूंज रही गुजरात के शेरों की दहाड़, जू सफारी में इन जानवरों को भी देखें करीब से
पहले चरण में शाकाहारी जानवरों में बार्किंग डीयर हाॅग डीयर तथा सांभरों को लाया गया है। अगली खेप में मांसाहारी जानवरों को लाने की चल रही तैयारी कटक से दो बाघ और दो तेंदुए भी जल्द लाए जाएंगे जू सफारी में।
राजगीर (नालंदा), संवाद सहयोगी। वाइल्ड लाइफ जू सफारी (Wild life Zoo Safari) में नए बब्बर शेर लाए गए हैं। इनमें दो नर शेर और चार शेरनी शामिल है। इन शेरों को गुजरात के जूनागढ़ शक्करबाग जुलाजिकल पार्क (Sakkarbaug Zoological Park) से लाया गया है। रविवार की दोपहर लाए गए इन शेरों को सफारी में क्वारंटाइन कराया गया है। बता दें कि सक्करबाग जूलाजिकल पार्क शेरों के प्रजनन और पालन के लिए भी प्रसिद्ध है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के वन मंडल की ओर से यहां शेरों के प्रजनन के लिए विशेष सुविधाएं स्थापित की गई है। इनमें अस्पताल और नर्सरी शामिल हैं। जंगल में घायल होने वाले या वृद्ध शेरों को यहां रखा जाता है। इससे पहले भी एक शेर को पटना चिड़ियाघर से लाया गया था।
जू सफारी में शेरों की संख्या हुई सात
अब जू सफारी में शेरों की कुल संख्या सात हो गई है। इनकी दहाड़ से राजगीर की पहाड़ी वादियां गूंज उठी है।बता दें कि इससे पहले जू सफारी में पटना के चिड़ियाघर से एक शेर सहित दो रायल बंगाल टाइगर, दो भालू और दो तेंदुए को लाया जा चुका है। अब ओडिशा के कटक से दो जोड़ी तेंदुआ तथा बाघ को लाने की तैयारी की जा रही है। इस प्रकार से जू सफारी में बाघ की संख्या चार और तेंदुओं की संख्या भी इतनी ही हो जाएगी। इससे पहले जानवरों को लाए जाने की प्रक्रिया के प्रथम चरण में संजय गांधी जैविक उद्यान पटना से फिलहाल पहली खेप में अभी बार्किंग डियर यानी काकड़ प्रजाति के हिरणों को लाया जा चुका है।
बाहर से लाए गए जानवरों को किया गया है क्वारंटाइन
इस सफारी के बने बड़े घेरान में कुल आठ बार्किंग डीयर के अलावा हाग डीयर तथा सांभर भी लाए गए हैं। जबकि कुछ प्रजातियों के चीतल और स्पाॅटेड हिरण पहले से मौजूद है। जिसे हार्बीवोर सफारी (Herbivore Safari) में रखा गया है। वहीं इस सफारी में बारहसिंगा, खरगोश, वनसुअर आदि शाकाहारी जानवरों को भी रखा जाएगा। वाइल्ड लाइफ जू सफारी में अब धीरे धीरे जंगली जानवरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। पहले चरण में शाकाहारी जानवरों को लाया गया है। दूसरे चरण में भालू सहित मांसाहारी जानवरों को लाए जाने की कवायद युद्ध स्तर पर है। वाइल्ड लाइफ जू सफारी के निदेशक हेमंत पाटिल ने बताया कि जू सफारी का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। शेष बचे निर्माण कार्य तेजी गति से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी गुजरात से लाए गए शेरों को क्वारंटाइन में रखा गया है। ताकि वे यहां के जलवायु और परिवेश में खुद को सहज बना सकें। कुछ दिनों में राजगीर की आबोहवा में स्वाभाविक रूप से स्वच्छंद रूप से ढल सकें। उन्होंने बताया कि हिंसक जंगली जानवरों को एक से दूसरे स्थान पर लाने के क्रम में बहुत सी सावधानियां बरतनी पड़ती है। इसीलिए बारिकियों के साथ सभी प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जा रहा है।