Patna High Court ने साफ-साफ कह दिया, किसी की बहाली का अधिकार मंत्री को नहीं; CM को भी नहीं
पटना हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री सहित किसी भी मंत्री को किसी को नौकरी में बहाल करने तथा बहाली की अनुशंसा करने का अधिकार नहीं है। पढें कोर्ट ने और क्या कहा।
पटना, राज्य ब्यूरो। पटना हाई कोर्ट ने बुधवार को अपने एक आदेश से स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री सहित किसी भी मंत्री को किसी को नौकरी में बहाल करने तथा बहाली की अनुशंसा करने का अधिकार नहीं है। हाई कोर्ट ने कहा कि उन्हें ऐसी कार्रवाई करने का अधिकार न तो संविधान देता है और न ही कोई कानूनी प्रावधान है।
पटना हाई कोर्ट ने उनके द्वारा की गई अनुशंसा पर बहाल कर्मी को सेवा से निकाले जाने के आदेश पर किसी प्रकार का हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए अर्जी को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह की एकलपीठ ने गंगा देवी की रिट याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
आवेदिका लेडी वार्ड अटेंडेंट के पद पर अवैध तरीके से अनुशंसा के जरिये बहाल हुई थी। उक्त बहाली मंत्री के आदेश पर की गई थी, जो कि विधिवत नहीं थी। आवेदिका को यह कहते हुए नौकरी से हटा दिया कि उसकी बहाली ही गलत हुई है। बहाली पर सवाल खड़ा करते हुए स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख ने इस आशय का आदेश गत 28 जून को जारी कर आवेदिका को नौकरी से हटा दिया। निदेशक प्रमुख के उस आदेश को हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर चुनौती दी गई। कोर्ट ने आवेदिका की ओर से दी गई हर दलील को नामंजूर करते हुए उसकी अर्जी को खारिज कर दिया।