प्रधानाध्यापक नियुक्ति नियमावली की वैधानिकता का मामला, पटना हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

पटना हाई कोर्ट (Patna High court) ने प्रदेश के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक की नियुक्ति के लिए बनी नियमावली की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Thu, 18 Nov 2021 08:56 AM (IST) Updated:Thu, 18 Nov 2021 08:56 AM (IST)
प्रधानाध्यापक नियुक्ति नियमावली की वैधानिकता का मामला, पटना हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
पटना हाईकोर्ट में हुई कई मामलों की सुनवाई। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाई कोर्ट (Patna High court) ने प्रदेश के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक की नियुक्ति के लिए बनी नियमावली की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने टीईटी एवं एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है। अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद होगी।

नियमावली में नियुक्ति की शर्ते भ्रामक 

याचिकाकर्ता संघ द्वारा कोर्ट को बताया गया कि 18 अगस्त, 2021 को अधिसूचित बिहार राज्य उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक नियमावली में नियुक्ति की शर्तें भ्रामक हैं। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कुमार शानू ने बताया कि एक ओर 2012 नियमावली के तहत टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण करना अनिवार्य है तो दूसरी ओर शैक्षणिक कार्य-अनुभव को न्यूनतम 10 साल रखा गया है। इसमें मुश्किल यह है कि 2012 की नियमावली के तहत टीईटी उत्तीर्ण कर अधिसंख्य अभ्यर्थी 2014 में शिक्षक बने हैंं। इसलिए टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों का न्यूनतम कार्य-अनुभव 10 साल तक का नहीं हो पाया है। इस कारण प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति में मनमानी हो रही है। हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि राज्य में इस नियमावली के तहत हो रही नियुक्तियां इस याचिका में पारित फैसले पर निर्भर करेंगी।

पंचायत चुनाव में बैंककर्मियों की ड्यूटी लगाने पर सरकार से जवाब तलब

पटना हाई कोर्ट ने राज्य में हो रहे पंचायत चुनाव में बैंक कर्मियों, केंद्रीय बोर्ड एवं निगम सहित पब्लिक सेक्टर बैंक के अफसरों को ड्यूटी लगाने के मामले पर संज्ञान लेते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग, राज्य सरकार एवं राज्य चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने स्टेट बैंक आफ इंडिया आफिसर्स एसोसिएशन की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया। यह याचिका एसबीआइ पटना सर्किल के अफसरों के संघ के महासचिव एवं अन्य अधिकारियों की तरफ से दायर की गई है। 

याचिकाकर्ता ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी पटना द्वारा 12 अगस्त, 2021 को स्टेट बैंक के पटना स्थित मुख्य कार्यालय के चीफ मैनेजर को लिखे उस पत्र को चुनौती दी है, जिसके अनुसार पटना में कार्यरत सभी पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को चुनाव कार्य में लगाए जाने के लिए डाटा बेस तैयार करने का निर्देश है। याचिकाकर्ता द्वारा बिहार पंचायती राज कानून की संशोधित धारा-125 की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। इस मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी।

फुलवारीशरीफ में मजार की भूमि को अतिक्रमण-मुक्त कराने का पटना के जिलाधिकारी को निर्देश 

पटना हाई कोर्ट ने पटना के जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि जांच कर फुलवारीशरीफ के टमटम पड़ाव स्थित मजार की भूमि को अतिक्रमण-मुक्त कराया जाए। न्यायाधीश राजन गुप्ता एवं न्यायाधीश मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने मंसूर आलम की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। बुधवार को सुनवाई पूरी कर अदालत ने मामले को निष्पादित कर दिया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि फुलवारीशरीफ में टमटम पड़ाव के पास 3.5 एकड़ में सुन्नी वक्फ का काफी समय से कब्रिस्तान है। यह मिनहाज रहमतुल्लाह मजार और बाबा मखदूम साहेब मजार के नाम से जाना जाता है। अतिक्रमण कर यहां अवैध रूप से दुकान भी बना ली गई है। याचिकाकर्ता द्वारा भू-माफिया के विरुद्ध कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री समेत कई पदाधिकारियों को आवेदन दिया गया था, लेकिन कोई पहल नहीं हुई। 

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