यूपी-बिहार के दो जजों की पहल लाई रंग, महिला को मिली रिहाई; गोद में आया बेटा तो पति का मिला साथ

दो न्यायिक पदाधिकारियों की मानवीय पहल रंग लाई। अलीगढ़ जेल में बंद एक महिला को रिहाई तो मिली ही उसका घर भी दोबारा बस गया। महिला की खराब मानसिक स्थिति के कारण जन्म के बाद से ही अलग रखा गया डेढ़ साल का बेटा भी उसकी गोद में आ गया।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 06:05 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 06:05 AM (IST)
यूपी-बिहार के दो जजों की पहल लाई रंग, महिला को मिली रिहाई; गोद में आया बेटा तो पति का मिला साथ
अलीगढ़ कारागार से रिहा हुई पुष्पलता साथ में पति व बच्चा।

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ: यूपी के अलीगढ़ व बिहारशरीफ के दो न्यायिक पदाधिकारियों की मानवीय पहल रंग लाई। अलीगढ़ जेल में बंद एक महिला को रिहाई तो मिली ही, उसका घर भी दोबारा बस गया। महिला की खराब मानसिक स्थिति के कारण जन्म के बाद से ही अलग रखा गया डेढ़ साल का बेटा भी उसकी गोद में आ गया।

भटकते हुए पहुंच गई थी अलीगढ़

दरअसल, नालंदा जिले के थरथरी प्रखंड की खरजम्मा गांव निवासी पुष्पलता खराब मानसिक हालत के कारण घर से निकल गई थी। 2019 में भटकते हुए वह अलीगढ़ पहुंच गई। वहां एक मोहल्ले में बच्चा चोरी के प्रयास में लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था। तभी से वह जिला कारागार अलीगढ़ में बंद थी। कोर्ट ने बीती 12 मई को उसे रिहा कर दिया। इतना ही नहीं जेल में जन्मे उसके पुत्र ऋषभ को भी उसे सौंप दिया, जो बाल कल्याण समिति अलीगढ़ की देख-रेख में पल रहा था। दरअसल, जिस वक्त पुष्पलता को जेल लाया था, तब वह आठ माह की गर्भवती थी। उसकी मानसिक स्थिति भी सही नहीं थी। मानसिक चिकित्सालय वाराणसी में पुष्पलता का इलाज कराया गया। इलाज के बाद वह स्वस्थ्य हो गई तो अक्टूबर 2020 को पुन: जेल ले जाया गया। पुष्पलता को जेल में ही एक पुत्र पैदा हुआ था। उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए बच्चे को बाल कल्याण समिति अलीगढ़ की निगरानी में रखा गया था। जेल से रिहाई और बच्चे को हैंडओवर लेते वक्त पुष्पलता का पति रवि रंजन व उसके पिता भी मौजूद थे।

कैसे हुई पुष्पलता की रिहाई संभव

पुष्पलता को उसके परिवार तक पहुंचाने के लिए दो न्यायिक पदाधिकारियों ने पहल की थी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अलीगढ़ के पूर्णकालीन सचिव दीपक कुमार मिश्र ने किशोर न्याय परिषद नालंदा के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र से संपर्क कर उक्त महिला द्वारा बताए गए पते को उपलब्ध कराया था। दरअसल, अलीगढ़ के जज मिश्र को जेजेबी नालंदा के जज मानवेन्द्र मिश्रा के कई मानवीय व चर्चित फैसलों की जानकारी थी। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से मिश्रा का फोन नम्बर उपलब्ध कर संपर्क किया और सहयोग मांगा ताकि महिला अपने घरवालों के पास पहुंच सके। महिला ने अपनी पहचान थरथरी प्रखंड के अस्ता खरजम्मा निवासी दुर्गेश प्रसाद की पुत्री पुष्पलता के रूप में दी थी। मिश्रा ने अपने सम्पर्कों से पहचान का सत्यापन किया। जिसमें महिला द्वारा बताया गया पता सही निकला। पिता को जैसे ही जानकारी मिली, वह उसे रखने के लिए तैयार हो गए। बाद में जब पति को पता चला तो वह भी अपनी पत्नी को वापस लाने को राजी हो गया। 12 मई को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुष्पलता को रिहा कर दिया।

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