बिहार के स्कूलों में दिखने लगा निरीक्षण का असर, विद्यालयों में पाठ टीका से लेकर लैब वर्क की निगरानी बढ़ी

शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ी है तो उनके द्वारा शिक्षण कार्य से लेकर पाठ टीका का इस्तेमाल भी होने लगा है। शिक्षा विभाग के निर्देश पर अब इस बात की भी निगरानी बढ़ा दी गई है कि कितने शिक्षक पाठ टीका से पढ़ा रहे हैं?

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 05:39 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 05:39 PM (IST)
बिहार के स्कूलों में दिखने लगा निरीक्षण का असर, विद्यालयों में पाठ टीका से लेकर लैब वर्क की निगरानी बढ़ी
बिहार के स्कूलों में निगरानी का असर दिखने लगा है। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य के 80 हजार सरकारी विद्यालयों में हर माह निरीक्षण अभियान का असर दिखने लगा है। शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ी है तो उनके द्वारा शिक्षण कार्य से लेकर पाठ टीका का इस्तेमाल भी होने लगा है। शिक्षा विभाग के निर्देश पर अब इस बात की भी निगरानी बढ़ा दी गई है कि कितने शिक्षक 'पाठ टीका' से पढ़ा रहे हैं? निगरानी से प्रयोगशालाओं के संचालन को भी जोड़ा गया है। इससे प्रायोगिक कक्षाओं के संचालन की भी निगरानी शुरू हो गई है।

- सरकारी विद्यालयों में निरीक्षण एवं निगरानी बढ़ी तो खुलने लगीं प्रयोगशालाएं - अब तक शिक्षा विभाग को मिली 3452 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों की रिपोर्ट

3452 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों की रिपोर्ट आई

अब तक राज्य के 3452 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों की रिपोर्ट आई है, जिसे समीक्षा में संतोषजनक पाया गया है। पाठ टीका को प्रारंभिक विद्यालयों से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों तक की निगरानी से जोड़ा गया है। जो पदाधिकारी विद्यालयों के निरीक्षण में जा रहे हैं, वे पाठ टीका के इस्तेमाल की भी जानकारी प्रधानाध्यापकों से ले रहे हैं।

एक अक्टूबर से ही सभी जिलों में लागू

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि यह प्रविधान एक अक्टूबर से ही सभी जिलों में लागू हो गया है। नए प्रविधान के तहत विद्यालयों से हर कार्यदिवस की रिपोर्ट फार्मेट में जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा लिये जा रहे हैं। अब हर विद्यालय के प्रधानाध्यापक हर कार्यदिवस की रिपोर्ट में 'पाठ टीका के साथ कक्षा संचालन करने वाले शिक्षकों की संख्या' की जानकारी दे रहे हैं। नौवीं से दसवीं एवं 12वीं कक्षाओं तक के बारे में यह भी जानकारी मिल रही है कि भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान की प्रायोगिक कक्षाओं में कितने छात्र-छात्रा शामिल हुए।

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