बांग्ला मंडपों में लगे मां के जयकारे, कन्या पूजन कर भक्तों ने लिया आशीष

पटना। शारदीय नवरात्र के मौके पर शनिवार को महाअष्टमी पूजा के दिन बंगाली समुदाय से जुड़े भ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 07:42 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 07:42 AM (IST)
बांग्ला मंडपों में लगे मां के जयकारे, कन्या पूजन कर भक्तों ने लिया आशीष
बांग्ला मंडपों में लगे मां के जयकारे, कन्या पूजन कर भक्तों ने लिया आशीष

पटना। शारदीय नवरात्र के मौके पर शनिवार को महाअष्टमी पूजा के दिन बंगाली समुदाय से जुड़े भक्तों ने बंगाली रीति-रिवाज से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की। शहर के लंगर टोली स्थित बंगाली अखाड़ा, यारपुर स्थित कालीबाड़ी मंदिर, नाला रोड स्थित रामकृष्ण आश्रम सहित अन्य जगहों पर मां दुर्गा की भव्य पूजा हुई।

बंगाली अखाड़ा के अशोक घोषाल ने बताया, शनिवार को अष्टमी तिथि के दिन मां की भव्य पूजा की गई। सुबह सात व आठ बजे के बीच पूजन कार्य संपन्न किया गया। इसके बाद मंदिर परिसर में पूरे विधि-विधान के साथ कुंवारी कन्याओं का पूजन कर उनसे आशीष लिया गया। इसके बाद मां की संधि पूजा की गई। उन्होंने बताया, रविवार को महानवमी की पूजा की जाएगी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए पुष्पांजलि व प्रसाद का वितरण भक्तों के बीच नहीं किया जाएगा। अष्टमी के दिन भक्तों ने मंदिर परिसर में आकर मां का दर्शनकर आशीष प्राप्त किया। नाला रोड स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम में भी बंगाली पद्धति से मां की पूजा-अर्चना कर कुंवारी कन्याओं का पूजन किया गया। आश्रम के स्वामी सुखानंद ने बताया, आश्रम परिसर में मां की छोटी प्रतिमा स्थापित करने के साथ पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की गई। यारपुर स्थित कालीबाड़ी मंदिर परिसर में इस बार कोरोना संक्रमण के कारण मां की प्रतिमा स्थापित नहीं की गई। पहले से स्थापित मां की प्रतिमा को विधि-विधान के साथ पूजा की गई। अष्टमी तिथि को संधि पूजा करने के साथ भक्तों ने मां का दर्शन कर आशीष प्राप्त किया। इस बार विजयादशमी के मौके पर कालीबाड़ी मंदिर परिसर में सिंदूर खेला का आयोजन नहीं होगा। उन्होंने बताया, बंगाली रीति-रिवाज में सिंदूर खेला का बड़ा महत्व है। इस दिन महिला व पुरुष एक-दूसरे के चेहरे पर गुलाल लगा नवरात्र पर्व का आनंद उठाते हैं।

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