कोरोना काल में बिहार के जिस शहर में नहीं थे एक भी एक्टिव केस, अब एक इलाके में 17 की हो रही मौत

बिहार में कोरोना संक्रमण का प्रसार बढ़ता जा रहा है। पहली से ज्यादा खतरनाक दूसरी लहर हो गई है। जहां बक्सर में एक भी एक्टिव केस नहीं थे वहीं अब एक इलाके में 17 की कोरोना संक्रमण से जान जा रही है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 03:49 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 03:49 PM (IST)
कोरोना काल में बिहार के जिस शहर में नहीं थे एक भी एक्टिव केस, अब एक इलाके में 17 की हो रही मौत
बिहार में कोरोना संक्रमण की चेन थमने का नाम नहीं ले रही। प्रतीकात्मक तस्वीर।

संवाद सहयोगी, डुमरांव (बक्सर) कोरोना की पहली लहर में बिहार का बक्सर में एक समय शून्य एक्टवि केस हो गए थे। वहीं पिछले वर्ष भी नया भोजपुर कोरोनावायरस के संक्रमण को लेकर चर्चा में था। पिछले वर्ष नया भोजपुर के रास्ते ही कोरोना का प्रवेश जिला में हुआ था लेकिन सुखद बात यह थी कि कोरोना के चलते पिछले वर्ष कोई जान माल की क्षति नहीं हुई थी। इस वर्ष दुखद बात यह है कि नया भोजपुर में जारी मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। महज 4 दिन में इस गांव से 17 लोगों की मौत हो चुकी है। जाहिर सी बात है चिंता की लकीर गहरी होती जा रही है। 

नया भोजपुरी की गलियों को किया जा रहा सैनिटाइज

जानकारी मिलने के बाद नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार के निर्देश पर तत्काल नया भोजपुर की गलियों को सैनेटाइज करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। कोशिश है कि संक्रमण के चेन को हर हाल में तोड़ा जाए। बताया जाता है कि 2 माह पूर्व डुमरांव थाना से रिटायर हुए सब इंस्पेक्टर मुस्ताक खान की पत्नी हबुना निशा का इंतकाल हो गया। उसके बाद मुस्ताक खान भी चल बसे। नया भोजपुर के ही  अशोक शर्मा की पत्नी, गोपाल तिवारी की पत्नी, जगदीश पांडे की पत्नी समेत कुल 17 लोगों की मौत आनन-फानन में हुई है।

समुचित दवा नहीं करा पा रहे

हालांकि, मृतकों में अधिकतर संख्या बुजुर्ग लोगों की है लेकिन सभी मृतक तीन-चार घंटे की मामूली सी बीमारी में चल बसे। इसको लेकर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि बचन सिंह यादव चिंतत हैं। इस बाबत उनका कहना है कि गांव में वेलनेस सेंटर पर डॉक्टर के नहीं होने से लोग चाहकर भी समुचित दवा नहीं करा पा रहे हैं। उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी से बात कर तत्काल डॉक्टर उपलब्ध कराने की मांग की है। ताकि गांव में लोगों को होने वाली छोटी बड़ी तकलीफ का वहां इलाज हो सके। गांव में जारी मौत के सिलसिला को भी लोग कोरोना वायरस से जोड़कर देख रहे हैं।

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