महाबोधि मंदिर व दरभंगा एयरपोर्ट की बड़ी जिम्‍मेदारी अब BSAP को, जानिए क्‍या कर सकती है कार्रवाई

बीएसएपी को महाबोधि मंदिर व दरभंगा एयरपोर्ट पर गिरफ्तारी का मिला अधिकार। गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना हवलदार व उससे वरीय पदाधिकारियों को होगा अधिकार। सरकार ने बीएमपी का नाम बदलकर बिहार विशेष सशस्‍त्र पुलिस कर दिया है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 11:18 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 11:18 AM (IST)
महाबोधि मंदिर व दरभंगा एयरपोर्ट की बड़ी जिम्‍मेदारी अब BSAP को, जानिए क्‍या कर सकती है कार्रवाई
महाबोधि मंदिर एवं दरभंगा हवाई अड्डा। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) और दरभंगा हवाई अड्डा (Darbhanga Airport) की सुरक्षा में तैनात बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (Bihar Special Armed Police) किसी भी संदिग्ध की तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी भी कर सकेगी। गृह विभाग ने इससे जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी है। इसके अनुसार, महाबोधि मंदिर और दरभंगा हवाई अड्डा को इस कानून के तहत विनिर्दिष्ट प्रतिष्ठान के रूप में अधिसूचित किया गया है। यानी इन प्रतिष्ठानों के अंदर विशेष सशस्त्र पुलिस (BSAP) के हवलदार और उससे वरीय पुलिस अधिकारियों को अधिनियम की धारा-7, 8 और 9 के तहत दी गई शक्तियों के तहत तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार होगा।  

बीएमपी की जगह आई बीएसएपी

राज्य सरकार us इसी साल बिहार विशेष सशस्त्र अधिनियम 2021 लागू किया गया है। इसके बाद बिहार सैन्‍य बल (BMP) का नाम बदलकर बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस हो गया। बजट सत्र में विपक्ष के भारी हंगामे के बीच दोनों सदनों से पास होने के बाद यह कानून अस्तित्व में आाया है। इस कानून के तहत राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित विनिर्दिष्ट प्रतिष्ठान की सुरक्षा में तैनात बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस को तलाशी, किसी के सामान की जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार प्राप्त हो जाता है। बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस केपास ही महाबोधि मंदिर व दरभंगा हवाई अड्डे की सुरक्षा की जिम्मेवारी है। इसके अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक व पर्यटन केंद्रों को भी जल्द ही बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के हवाले किया जा सकता है। 

गिरफ्तारी के बाद करेंगे स्‍थानीय थाने के हवाले

बताया जाता है कि गिरफ्तारी के बाद बीएसएपी उसे अगली कानूनी कार्रवाई के लिए स्‍थानीय थाने के हवाले कर देगा। अधिकारी बिना वारंट और बिना मजिस्‍ट्रेट की अनुमति के ही किसी भी संदिग्‍ध को गिरफ्तार कर सकेंगे। विधेयक में यह भी बताया गया है कि बिहार में बीएसएपी का दायरा बड़ा हो गया है। पहले उसकी भूमिका केवल बिहार पुलिस के मददगार की थी। लेकिन अब भूमिका बढ़ी है।  

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