शुरू हो गया पवित्र कार्तिक, करवा चौथ से लेकर दीपावली और बिहार का महापर्व छठ इसी महीने में

कार्तिक माह हिंदू पचांग का आठवां माह होता है। यह सबसे पवित्र माना जाता है। शरद पूर्णिमा के समापन के बाद बुधवार की शाम से कार्तिक माह का आरंभ हो गया है। 20 अक्टूबर से शुरू हुए कार्तिक का समापन 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के साथ होगा।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 09:08 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 09:49 AM (IST)
शुरू हो गया पवित्र कार्तिक, करवा चौथ से लेकर दीपावली और बिहार का महापर्व छठ इसी महीने में
कार्तिक महीने में होगा बिहार का महापर्व छठ। सांकेतिक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। कार्तिक माह हिंदू पचांग का आठवां माह होता है। यह सबसे पवित्र माना जाता है। शरद पूर्णिमा के समापन के बाद बुधवार की शाम से कार्तिक माह का आरंभ हो गया है। 20 अक्टूबर से शुरू हुए कार्तिक का समापन 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के साथ होगा। ज्योतिष आचार्य पीके युग ने बताया कि कार्तिक मास भगवान विष्णु का प्रिय मास माना जाता है। माह में भगवान विष्णु मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने के साथ लोग गंगा स्नान करते हैं। इस माह में करवा चौथ, धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, छठ महापर्व व देवोत्थान एकादशी समेत कई पर्व हैं। 

24 अक्टूबर को करवा चौथ 

करवा चौथ का व्रत महिलाएं पति की लंबी उम्र व उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए करती है। करवा चौथ का व्रत 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 7.52 बजे से आरंभ होगा। 

दो नवंबर को धनतेरस

दो नवंबर को धनतेरस मनाया जाएगा। धनतेरस पर खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त स्थिर लग्न में सुबह 9.56 के बाद से आरंभ हो रहा है। जो अगले दिन सुबह 9.14 मिनट तक रहेगा। 

चार नवंबर को दीपावली

दीपावली के दिन मां लक्ष्मी, कुबेर, भगवान गणेश के साथ मां काली की पूजा का विधान है। वृष व ङ्क्षसह लग्न में मां लक्ष्मी की पूजा करना उत्तम माना जाता है। दीपावली के अगले दिन यानी पांच नवंबर को गोवर्धन पूजा है। इसमें गायों की पूजा करने का विशेष महत्व है। 

आठ नवंबर को नहाय-खाय के साथ शुरू होगा महापर्व छठ

दीपावली के छह दिन बाद लोक आस्था का महापर्व छठ आठ नवंबर को नहाय-खाय  के साथ आरंभ हो जाएगा। नौ नवंबर को खरना, 10 नवंबर को पहला अघ्र्य एवं 11 नवंबर को उगते सूर्य को अघ्र्य के साथ  पर्व का समापन होगा। 

15 नवंबर को देवोत्थान एकादशी

15 नवंबर को सूर्योदय के साथ देवोत्थान एकादशी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु चार माह बाद निद्रा से जागते हैं। भगवान विष्णु के निद्रा से जागने के बाद शादी-विवाह आदि शुभ कार्य आरंभ हो जाएंगे। 

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