बिहार के आठ जिलों के बालू घाटों की निविदा की गई स्थगित, खान एवं भू-तत्व विभाग ने जारी किया आदेश

Bihar Sand News खान एवं भू-तत्व विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। विभाग ने ट्रिब्यूनल द्वारा 25 अक्टूबर को पारित आदेश के बाद निविदा पर रोक लगाई है। इस मामले में अब विभाग ट्रिब्यूनल में अपील में जाएगा।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 08:50 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 08:50 PM (IST)
बिहार के आठ जिलों के बालू घाटों की निविदा की गई स्थगित, खान एवं भू-तत्व विभाग ने जारी किया आदेश
आठ जिलों के बालू घाटों की निविदा स्थगित कर दी गई है। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: ग्रीन ट्रिब्यूनल के एक आदेश के बाद खान एवं भू-तत्व विभाग ने आठ जिलों के बालू घाटों के लिए ठीकेदारों के चयन प्रक्रिया पर अंतिम रोक लगा दी है। इस संबंध में खान एवं भू-तत्व विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। विभाग ने ट्रिब्यूनल द्वारा 25 अक्टूबर को पारित आदेश के बाद निविदा पर रोक लगाई है। इस मामले में अब विभाग ट्रिब्यूनल में अपील में जाएगा। प्रदेश में बालू की किल्लत और लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक के जरिए एक अक्टूबर से बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया था। आदेश था कि जिनके पास पूर्व से पर्यावरण स्वीकृति प्रमाण-पत्र हैं, वे इन जिलों के बालू घाटों की निविदा प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं। विभाग ने निविदा का काम खनन निगम को सौंपा था।

नहीं निकल पाया बीच का कोई रास्ता

सरकार के इस फैसले के बाद ग्रीन ट्रिब्यूनल ने यह कहकर निविदा पर सवाल उठाए थे कि पुराने पर्यावरण प्रमाण-पत्रों के आधार पर बालू घाटों की निविदा कैसे हो सकती है। टिब्यूनल के आदेश के बाद राज्य सरकार ने विधि-विशेषज्ञों से परामर्श किया। उम्मीद थी कि बीच का कोई रास्ता निकल जाएगा और निविदा प्रक्रिया जारी रह सकेगी, लेकिन इस बीच 25 अक्टूबर को ग्रीन ट्रिब्यूनल ने निविदा प्रक्रिया स्थगित रखने का निर्देश दे दिया। निविदा के लिए संवेदकों को 28 अक्टूबर तक का समय दिया गया था। ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के विरुद्ध अब सरकार कोर्ट में जाएगी। 

इन जिलों के लिए निकाली गई थी निविदा

पटना के अलावा भोजपुर, सारण, रोहतास, औरंगाबाद, गया, जमुई और लखीसराय।

कोर्ट का फैसला आने का इंतजार

खान एवं भू-तत्व विभाग के प्रधान सचिव हरजोर कौर बम्हारा ने कहा कि एक अक्टूबर को मंत्रिमंडल ने 16 जिलों में बंदोबस्ती का प्रस्ताव मंजूर किया था। आठ जिलों में 50 फीसद अतिरिक्त शुल्क लेकर बंदोबस्ती होनी थी, जबकि आठ जिलों में नई निविदा प्रकाशित कर संवेदकों का चयन होना था। अब कोर्ट का फैसला आने के बाद ही घाटों की बंदोबस्ती का कोई फैसला हो सकेगा। 

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